लोकसभा के ताज़ा चुनाव ने भारतीय राजनीति के कई मिथकों को तोड़ा है। नतीजों के विश्लेषण से समझ में आ रहा है कि मतदाता जातियों के साँचे से बाहर आने की कोशिश कर रहा है। जहाँ तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2019 की जीत की बात है, वह निश्चित रूप से असाधारण है। उन्होंने अपने 2014 के रिकॉर्ड में भी सुधार किया है। उस जीत के परिणामस्वरूप अब सरकार भी बन गयी है। वर्तमान सरकार वे काम भी करेगी जो बीजेपी के 2014 के संकल्प पत्र में लिखा हुआ है। उनकी जीत अब चुनावी बहस का नहीं, अकादमिक चर्चा का विषय बन गयी है। तरह-तरह के लोग उसका विश्लेषण कर रहे हैं। चुनाव के पहले जिन लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया था उनको अनुमान लग गया था कि गाँव में लोग अलग तरह से वोट देने के बारे में विचार कर रहे थे।