बीजेपी को उम्मीद है कि इनमें से दो हस्तियाँ उसे चुनाव के दौरान फ़ायदा पहुँचाएँगी और बाक़ी तीन बड़ी हस्तियाँ चुनाव के बाद बीजेपी के साथ आएँगी। इन्हीं पाँच हस्तियों की वजह से केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
अब आपको बताते हैं कि ये पाँच हस्तियाँ कौन हैं। ये पाँच हस्तियाँ हैं - तमिलनाडु से सुपरस्टार रजनीकांत, केरल से मलयालम फ़िल्मों के सुपरस्टार मोहनलाल, कर्नाटक से पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा, तेलंगाना से मुख्यमंत्री और टीआरएस के मुखिया के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) और आंध्र प्रदेश से वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया जगन मोहन रेड्डी।
केसीआर और जगन से उम्मीद
अभी तक आए सर्वेक्षणों के मुताबिक़, टीआरएस को तेलंगाना की 17 में से कम से कम 10 सीटें मिलेंगी, जबकि जगन की पार्टी को आंध्र की 25 में से कम से कम 20 सीटें मिलेंगी। लोकसभा चुनाव के बाद बनने वाली संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही बीजेपी आलाकमान केसीआर और जगन से अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश में है।
लोकसभा चुनाव के बाद अगर स्थिति ऐसी बनी कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए कुछ सीटें कम पड़ जाती हैं, तब केसीआर और जगन बीजेपी की मदद कर सकते हैं। दोनों के कांग्रेस के साथ जाने की संभावनाएँ काफ़ी कम हैं।
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन टूटने पर नज़र
केंद्र की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने का एलान कर चुके केसीआर, फे़डरल फ्रंट के नाम से तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। बात कर्नाटक की करें, तो बीजेपी आलाकमान चाहता है कि कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन टूट जाए और दोनों पार्टियाँ अलग-अलग होकर चुनाव लड़ें। इससे बीजेपी को दो फ़ायदे होंगे। पहला, त्रिकोणीय मुक़ाबला होने की वजह से बीजेपी को कुछ सीटों का फ़ायदा होगा और कांग्रेस को नुक़सान। दूसरा, कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगेगा।
बेटों को ‘फ़िट’ करना चाहते हैं देवेगौड़ा
बीजेपी आलाकमान को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव बाद अगर कुछ सीटों की कमी पड़ी, तब देवेगौड़ा भी बीजेपी को मदद देंगे। सवाल यही कि, ऐसा करने पर देवेगौड़ा को क्या फ़ायदा होगा। सूत्रों की मानें तो, देवेगौड़ा अपने बेटे कुमारस्वामी को मोदी सरकार में मंत्री बनवा सकते हैं और राज्य में बीजेपी-जेडीएस सरकार बनवा कर अपने बड़े बेटे रेवन्ना को उपमुख्यमंत्री। फ़ॉर्मूले के तहत येदियुरप्पा मुख्यमंत्री होंगे और रेवन्ना उपमुख्यमंत्री। लेकिन, यह बातें अभी तक सिर्फ़ अटकलें ही हैं।
जहाँ तक बात तमिलनाडु की है, बीजेपी चाहती थी कि उसे डीएमके के स्टालिन का साथ मिले, लेकिन स्टालिन के कांग्रेस के साथ चले जाने की वजह से बीजेपी की उम्मीदें सत्ताधारी एआईएडीएमके पर टिकी हैं। लेकिन जयललिता के निधन के बाद से ही पार्टी का नेतृत्व बहुत ही कमज़ोर है।
बीजेपी उम्मीद कर रही है कि सुपरस्टार रजनीकांत उस गठजोड़ का नेतृत्व करेंगे जिसमें बीजेपी, एआईएडीएमके, रजनीकांत की पार्टी के अलावा कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियाँ होंगी। रजनीकांत की लोकप्रियता की वजह से इस गठबंधन को विरोधी पार्टियों के मुक़ाबले बढ़त मिलेगी।
केरल में भी बीजेपी की उम्मीदें एक सुपरस्टार पर ही टिकी हैं। हाल ही में मोहन लाल को 'पद्म भूषण' देने की घोषणा की गई है। अगर मोहनलाल बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो केरल में बीजेपी का खाता खुलने और जनाधार बढ़ने की बहुत संभावनाएँ हैं।
अपनी राय बतायें