2014 के लोकसभा और 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद राजनीति के हाशिये पर आ गए मुसलमानों ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों से राहत की साँस ली है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार से इस समुदाय में यह उम्मीद जगी है कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो उत्तर प्रदेश में बढ़ रहा भय का वातावरण 2019 में ख़ुशनुमा हो सकता है। साथ ही उनके मन में यह आशंका भी है कि कहीं लोकसभा चुनाव से पहले माहौल को इतना तनावपूर्ण न बना दिया जाए कि एक बार फिर साम्प्रदायिकता की ताकतें विजयी हो जाएं।