loader
कार्यक्रम में मौजूद लोग। वायरल वीडियो का स्क्रीन ग्रैब।

कर्नाटक: मंदिर में आयोजित मेले में उमड़े लोग, न मास्क पहना, न सोशल डिस्टेंसिंग रखी

लॉकडाउन की तमाम सख़्तियों के बीच कर्नाटक के रामनगर जिले के कोलागोंडानाहल्ली गांव के एक मंदिर में आयोजित मेले में सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। यह घटना गुरुवार को हुई। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, लोगों को मेले के आयोजन के लिए पंचायत विकास अधिकारी एन.सी.कलमट्ट ने अनुमति दी थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद रामनगर के उपायुक्त ने कलमट्ट को निलंबित कर दिया है। 

ताज़ा ख़बरें

घटना के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने सिर पर थाल रखा हुआ है। इनमें महिलाएं व पुरुष दोनों शामिल हैं। न तो किसी ने मास्क पहना है और सोशल डिस्टेंसिंग का तो दूर-दूर तक कोई मतलब ही नहीं है। सारे लोग एक-दूसरे से सटकर खड़े हैं। बताया गया है कि मेले में 1 हज़ार से ज़्यादा लोग मौजूद थे। 

लॉकडाउन के चलते देश भर में धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों पर बैन है। लेकिन कई घटनाओं में लोगों ने खुलकर लॉकडाउन तोड़ा है। 

जैन समाज के लोगों ने तोड़ा लॉकडाउन

इसी तरह कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के सागर जिले में जैन समाज के एक धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े थे। लॉकडाउन के बीच जैन मुनियों की यह यात्रा सागर जिले में पहुंच गई, वहां लोग इकट्ठा हो गए और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब इसे लेकर मीडिया में ख़बरें छपीं और हंगामा मचा तब जाकर दो दिन बार पुलिस ने कार्रवाई की। 

कर्नाटक से और ख़बरें

सिद्धालिंगेश्वर मेले में उमड़े थे लोग

पिछले महीने कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में आयोजित सिद्धालिंगेश्वर मेले में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे। इस कार्यक्रम का जो वीडियो सामने आया था, उसमें सैकड़ों लोग कंधे से कंधा मिलाकर रथ को खींचते हुए दिख रहे थे। यह कार्यक्रम भी लॉकडाउन के दौरान हुआ था। इन लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ध्यान नहीं रखा था। यह मेला चिट्टापुर तालुका में आयोजित किया गया था। 

क्यों दी गई अनुमति?

देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 81 हज़ार से ज़्यादा हो चुका है और 2649 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सवाल यह है कि इस तरह के कार्यक्रम को करने की अनुमति किस आधार पर दे दी गयी। लेकिन उससे बड़ा सवाल है कि कार्यक्रम का आयोजन करने वालों ने अनुमति मांगी ही क्यों, क्या वे इस बात से अनजान थे कि कोरोना का संक्रमण किस तेज़ रफ़्तार से फैल रहा है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें