देशव्यापी लॉकडाउन के बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी की बेंगलुरू में जोर-शोर से शादी हुई है। शुक्रवार को हुए इस विवाह समारोह में अच्छी संख्या में लोगों ने शिरक़त की। शादी समारोह की जो फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं, उनमें सोशल डिस्टेंसिंग का किसी भी शख़्स ने ध्यान रखा हो, ऐसा नहीं लगता। किसी ने मास्क भी नहीं पहना है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि लॉकडाउन के बीच शादी समारोह के आयोजन की इजाजत कैसे दे दी गई।
निखिल कुमारस्वामी देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं। उनकी शादी पूर्व मंत्री एम. कृष्णाप्पा की भतीजी रेवथी से हुई है। निखिल कुमारस्वामी राजनीति में आने से पहले अभिनेता थे। निखिल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मांड्या लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे।
यह शादी बेंगलुरू से 28 किमी. दूर कुमारस्वामी के एक फ़ार्महाउस में हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने दावा किया है कि इस शादी में किसी भी मेहमान को नहीं बुलाया गया था हालांकि सभी रस्मों को निभाया गया। लेकिन शादी समारोह के जो फ़ोटो और वीडियो सामने आये हैं, उसमें मेहमानों के अलावा, पुजारी समेत बड़ी संख्या में फ़ोटोग्राफ़र भी दिखाई दे रहे हैं।
#WATCH Karnataka: Nikhil Kumarswamy, son of former Karnataka CM HD Kumaraswamy, tied the knot with Revathi, the grand-niece of former Congress Minister for Housing M Krishnappa, today in Ramnagar. (Video source: anonymous wedding guest) pic.twitter.com/5DH9fjNshQ
— ANI (@ANI) April 17, 2020
कुमारस्वामी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण वह शादी समारोह को बेंगलुरू से दूर अपने निर्वाचन क्षेत्र रामनगर में शिफ़्ट कर रहे हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे इस कार्यक्रम से दूर रहें और हालात सामान्य होने पर वह बड़ी पार्टी देंगे।
कुमारस्वामी की सफाई
कुमारस्वामी का कहना है कि घर पर शादी से होने से सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना मुश्किल हो जाता। इसलिए उन्होंने फ़ार्महाउस में शादी का आयोजन रखा। उनका यह भी कहना है कि ऐसा उन्होंने डॉक्टर्स की सलाह पर किया। उन्होंने दावा किया कि इसमें 60 से 70 लोग शामिल हुए।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम अश्वथ नारायण ने कहा है कि अगर कुमारस्वामी ने लॉकडाउन की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया होगा तो इस मामले में उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
16 अप्रैल को कर्नाटक जिले में सिद्धालिंगेश्वर मेले में भाग लेने के लिए हज़ारों की संख्या में लोग इकट्ठे हो गए थे। इस दौरान न तो लॉकडाउन का ध्यान रखा गया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। हैरानी की बात है कि तमाम सख़्तियों के बावजूद कैसे हज़ारों लोग वहां जुट गए।
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