कर्नाटक की तीन लोकसभा सीटों के नतीजे तय करेंगे कि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन रहेगा या नहीं और कुमारस्वामी सरकार टिकेगी या नहीं। ये तीन सीटें हैं- तुमकुर, मांडया और हासन। तुमकुर से पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के संस्थापक देवगौड़ा चुनाव मैदान में हैं। 2014 में इस सीट पर कांग्रेस के मुद्दाहनुमा गौड़ा की जीत हुई थी। लेकिन इस बार कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन है और यह सीट जेडीएस के खाते में आयी है। देवगौड़ा ने अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट अपने पोते प्रज्ज्वल रेवण्णा के लिए छोड़ी है। प्रज्ज्वल कर्नाटक सरकार में मंत्री रेवण्णा के बेटे हैं और पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में इसी सीट से देवगौड़ा ने चुनाव लड़ा था और जीतकर लोकसभा पहुँचे थे। मांडया लोकसभा सीट के लिए जेडीएस ने निखिल कुमारस्वामी को मैदान में उतारा है। निखिल भी पहली बार चुनाव मैदान में हैं। वे देवगौड़ा के पोते और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे हैं। यानी इन तीन सीटों -  तुमकुर, मांडया और हासन से देवगौड़ा के परिवार के सदस्य चुनाव मैदान में हैं। इसी वजह से ये सीटें प्रतिष्ठा की सीटें हैं।