विवादों में रहने वाले बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या को झटका लगा है। चुनाव में धार्मिक आधार पर वोट मांगने के लिए चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की गई है। बेंगलुरु दक्षिण से उम्मीदवार और सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा है कि तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया पर धर्म के आधार पर वोट मांगने वाला एक वीडियो पोस्ट किया था।
Case is booked against Tejasvi Surya MP and Candidate of Bengaluru South PC on 25.04.24 at Jayanagar PS u/s 123(3) for posting a video in X handle and soliciting votes on the ground of religion.
— Chief Electoral Officer, Karnataka (@ceo_karnataka) April 26, 2024
कर्नाटक के सीईओ ने पोस्ट किया, 'एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करने और धर्म के आधार पर वोट मांगने के लिए जयनगर पीएस में 25.04.24 को सांसद और बेंगलुरु साउथ के उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या के खिलाफ धारा 123 (3) के तहत मामला दर्ज किया गया है।'
राज्य में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी यानी सीईओ का यह बयान आया है। 28 निर्वाचन क्षेत्रों में से 14 पर शुक्रवार को दूसरे चरण में मतदान हुआ, जबकि बाक़ी के 14 पर 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा।
भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के ख़िलाफ़ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला गुरुवार को दर्ज किया गया।
बेंगलुरु दक्षिण सीट पर बीजेपी के फायरब्रांड नेता तेजस्वी सूर्या और कांग्रेस की सौम्या रेड्डी के बीच मुकाबला है। वह जयनगर से 2023 विधानसभा चुनाव सिर्फ 16 वोटों से हार गई थीं।
तेजस्वी सूर्या ने 2019 के चुनावों में पदार्पण किया और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बी के हरिप्रसाद को 3.30 लाख से अधिक वोटों से हराया। भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने 1996 से 2014 के बीच छह बार इसका प्रतिनिधित्व किया था।
मतदान के बाद तेजस्वी सूर्या ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में 30 से अधिक सीटें नहीं जीत सकती है।
उन्होंने एएनआई से कहा, 'कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से निराश हो गई है। एक के बाद एक सर्वे से पता चलता है कि वह 30 से अधिक सीटें नहीं जीत सकती... वे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के खिलाफ जितने अधिक व्यक्तिगत हमले और बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, इतिहास गवाह है कि प्रधानमंत्री केवल मजबूत हुए हैं और भाजपा और अधिक लोकप्रिय हो गई है।'
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