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कर्नाटक जीत के बाद अब सीएम कौन- सिद्धारमैया या शिवकुमार?

कर्नाटक में कांग्रेस ने कर दिखाया। बीजेपी को शिकस्त दे दी। वह भी बेहद बड़े अंतर से। इसने आसानी से बहुमत का आँकड़ा पार कर लिया। 224 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों की ज़रूरत होती है, लेकिन कांग्रेस ने 135 का आँकड़ा पार कर लिया। बीजेपी 65 सीटों पर ही सिमट गई। कांग्रेस तटीय कर्नाटक को छोड़कर राज्य के सभी क्षेत्रों में भाजपा से आगे है। इस चुनाव में कांग्रेस को क़रीब 42.88 फ़ीसदी वोट मिले, जबकि बीजेपी को 36 फ़ीसदी और जेडीएस को 13.30 फ़ीसदी वोट मिले।

बताया जा रहा है कि सीटों और वोट प्रतिशत के लिहाज से भी राज्य में इतने बड़े अंतर से क़रीब तीन दशकों में भी किसी ने जीत दर्ज नहीं की थी। और अब इस जीत के साथ ही कांग्रेस में यह सवाल उठने लगा है कि अब यह सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार होंगे? यानी सीएम पद पर कौन आसीन होंगे?

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इस सवाल का जवाब कांग्रेस क्या देती है और क्या निर्णय लिया जाता है, वह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन इस परिणाम के मायने क्या हैं और किस नेता ने इस परिणाम को किस रूप में देखा है इससे भी आगे की राजनीति के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है।

कर्नाटक में बीजेपी की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को बधाई दी है और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पार्टी को शुभकामनाएँ दी हैं। सीएम बसवराज बोम्मई ने स्वीकार किया है कि पार्टी का प्रदर्शन स्तर का नहीं था। पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि वह भाजपा की हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी गलतियों का विश्लेषण करेंगे और संसदीय चुनावों में वापसी करेंगे।

कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी बढ़त में प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कनकपुरा को 70 प्रतिशत से अधिक मतों से जीत लिया। शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं। सीएम पद के लिए लड़ाई शिवकुमार और कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया के बीच होने की संभावना है। 
नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'नफरत का बाजार बंद हो गया है, मोहब्बत की दुकान खुल गई है।'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक की जीत को क्रोनी कैपिटलिज्म पर जनता की ताकत की जीत करार दिया। दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में मीडिया के सामने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने कर्नाटक के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि नफरत प्यार से हार गई और अब यह अन्य राज्यों में भी होगा। राहुल ने कहा कि नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में पार्टी द्वारा किए गए वादे पूरे किए जाएंगे।

प्रियंका गांधी ने कहा है, 'कांग्रेस पार्टी को ऐतिहासिक जनादेश देने के लिए कर्नाटक की जनता को तहे दिल से धन्यवाद। ये आपके मुद्दों की जीत है। ये कर्नाटक की प्रगति के विचार को प्राथमिकता देने की जीत है। ये देश को जोड़ने वाली राजनीति की जीत है। कर्नाटक कांग्रेस के तमाम मेहनती कार्यकर्ताओं व नेताओं को मेरी शुभकामनाएं। आप सबकी मेहनत रंग लाई। कांग्रेस पार्टी पूरी लगन के साथ कर्नाटक की जनता को दी गई गारंटियों को लागू करने का काम करेगी।'

कर्नाटक के नतीजे से 2024 में एकजुट होगा विपक्ष?

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद के परिदृश्य का संकेत हैं। पवार ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के नतीजों का रूझान 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद बीजेपी को हराना था।'

इस बीच, तमिलनाडु के सीएम और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कर्नाटक चुनाव में पार्टी की शानदार जीत पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को बधाई दी। स्टालिन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'द्रविड़ परिवार का भूभाग बीजेपी से दूर है। आइए अब हम सब मिलकर भारत में लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को बहाल करने के लिए 2024 जीतने के लिए काम करें।'

उन्होंने कहा, 'सांसद के रूप में भाई राहुल गांधी की गलत अयोग्यता, राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रमुख जांच एजेंसियों का दुरुपयोग, बीजेपी की बदले की राजनीति, हिंदी थोपना, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, ये सभी मतदान करते समय कर्नाटक के लोगों के दिमाग में गूंज रहे हैं और उन्होंने सबक सिखाकर कन्नड़ गौरव को बरकरार रखा है।' 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि राज्य के चुनाव में पार्टी की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ जनादेश है। उन्होंने कहा कि यह 2024 के आम चुनावों के लिए एक पर्दा उठाने वाली घटना है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के नाम को उछाला। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव लोकसभा चुनाव की एक सीढ़ी है। सिद्धारमैया ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि सभी गैर-बीजेपी दल एक साथ आएंगे और देखेंगे कि बीजेपी हार गई है और मैं यह भी उम्मीद करता हूं कि राहुल गांधी देश के पीएम बनें।'

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हालाँकि बीएस येदियुरप्पा ने लोगों के इस फैसले को सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हुए कहा कि कर्नाटक चुनाव परिणामों का 2024 के लोकसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'चुनाव परिणाम का 2024 के चुनाव से कोई संबंध नहीं है। हमने 25 सीटें जीती थीं और हम फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए इतनी सीटें जीतने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे।' 

एक संवाददाता सम्मेलन में सिद्धारमैया ने कहा, "यह नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के खिलाफ जनादेश है। 'ऑपरेशन कमल' के लिए उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन वे लोगों का भरोसा नहीं खरीद सके। राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के लिए भाजपा से खतरा था। नफरत की राजनीति थी, जिसे कर्नाटक के लोग बर्दाश्त नहीं कर रहे थे।" 

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कांग्रेस की जीत को डीके शिवकुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की जीत बताया और उस दिन को याद किया, जब सोनिया गांधी उनसे जेल में मिलने गई थीं। उनकी आंखों में आंसू आ गए और वह बेहद भावुक हो गये। उन्होंने कहा, 'मैं भूल नहीं सकता जब सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने आई थीं तब मैंने पद पर रहने के बजाय जेल में रहना चुना, पार्टी को मुझपर इतना भरोसा था।' 

शिवकुमार ने कहा कि 'मैंने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को जीत का आश्वासन दिया था।'

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क़मर वहीद नक़वी
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