दो नाबालिगों की ओर से शिकायत दर्ज होने के बाद पिछले दिनों मैसूर शहर पुलिस ने शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानी POCSO अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके ख़िलाफ़ एससी-एसटी एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है क्योंकि एक पीड़िता दलित समुदाय से आती है।
छात्राओं ने एक एनजीओ से शिकायत की थी कि मुरुगा मठ के छात्रावास में स्वामीजी उनका यौन शोषण कर रहे हैं। उनका आरोप है कि लेडी वार्डन उन्हें स्वामी जी के पास फल लेने के लिए भेजती थी। छात्राओं ने आरोप लगाया कि जब वो उस स्थान पर जाती थीं, जहां स्वामीजी थे, तो वे वहां आकर अजीबोगरीब हरकतें करते थे।
तब हिरासत से छूटने और मठ में लौटने के बाद संत ने मठ में लोगों को संबोधित किया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार संत ने कहा, 'आप सभी ने मेरे साथ रहकर मुझे हिम्मत दी है। डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। क़ानून का सम्मान करें। ऐसे समर्थन के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ।'
#Dalit organisations protest against #murugamutt seer demanding his immediate arrest in #Chitradurga #Karnataka. pic.twitter.com/qF9Ok0okFy
— Imran Khan (@KeypadGuerilla) September 1, 2022
शिवमूर्ति शरणारू ने दावा किया है कि उनके खिलाफ आरोप लंबे समय से चली आ रही साजिश का हिस्सा थे। उसने दावा किया है कि वह निर्दोष साबित होंगे।
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