जिस कर्नाटक में हिजाब विवाद उठा था वहीं अब मंदिरों द्वारा मेले में मुसलिम दुकानदारों पर प्रतिबंध लगाने का विवाद उठा है। निशाने पर मुसलिम ही हैं। स्कूली कक्षाओं में भी। धार्मिक आयोजनों को लेकर लगने वाले मेले में भी। स्कूल प्रबंधनों ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाया था तो सरकार ने समर्थन किया था और अब जब मंदिरों ने प्रतिबंध लगाया है तो भी सरकार इसके समर्थन में है। सरकार ने मुसलिम दुकानदारों पर प्रतिबंध के पक्ष में तर्क दिए हैं।
मुसलिम दुकानदारों पर मंदिरों के प्रतिबंध के पक्ष में कर्नाटक सरकार क्यों?
- कर्नाटक
- |
- 24 Mar, 2022
क्या व्यापार या दुकानदारी भी अब धर्म के आधार पर तय होगा? जानिए, मंदिरों द्वारा मुसलिम दुकानदारों पर क्यों प्रतिबंध लगाया गया और किस आधार पर कर्नाटक सरकार इसको सही ठहरा रही है।

यह विवाद इसलिए उछला है कि पिछले सप्ताह कम से कम छह मंदिरों ने प्रतिबंध लगाए हैं। पिछले पाँच दिनों में उडुपी, दक्षिण कन्नड़ और शिवमूगा जिलों में मंदिरों के बाहर बैनर देखे गए हैं जिनमें घोषणा की गई है कि मुसलिम व्यापारियों को दशकों पुरानी स्थानीय परंपराओं को तोड़ते हुए धार्मिक मेलों में स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह विवाद इसलिए अहम है कि हाल में राज्य में हिजाब विवाद हुआ था। स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया गया है और कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों में सिर्फ़ यूनिफॉर्म ही चलेगी और किसी धार्मिक पहचान वाली पोशाक की अनुमति नहीं दी जाएगी। हाई कोर्ट ने भी स्कूलों के प्रतिबंध को वाजिब ठहराया है और अब इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। इसी बीच अब मुसलिम दुकानदारों पर प्रतिबंध का विवाद आया है। जब यह विवाद बढ़ा तो सरकार ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी।