राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मंगलवार को धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर अध्यादेश को अपनी सहमति दे दी। यह कर्नाटक सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश को मंजूरी देने के पांच दिन बाद आया है। 'धर्मांतरण विरोधी कानून' को सख्ती से लागू करने की कर्नाटक सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मंगलवार को कहा कि यह किसी भी धर्म के ख़िलाफ़ नहीं है, लेकिन जबरन या प्रलोभन के माध्यम से धर्म परिवर्तन का क़ानून में कोई जगह नहीं है। वैसे, विरोधी इस विवादास्पद विधेयक को अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ क़रार देते रहे हैं।
कर्नाटक: धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश क़ानून बना, राज्यपाल की मंजूरी
- कर्नाटक
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- 17 May, 2022
कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी क़ानून की ऐसी क्या जल्दी थी कि इसके लिए अध्यादेश लाने का रास्ता अपनाया गया? विधानसभा के सत्र का इंतज़ार क्यों नहीं किया गया?

यह वही 'कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक' है जिसे पिछले साल दिसंबर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा विधानसभा में पेश और पारित किया गया था। विधानसभा द्वारा पारित होने के बाद भी इसे राज्य विधान परिषद में पेश नहीं किया गया है।