कर्नाटक में जब चुनाव प्रचार जारी था तो 2 मई तक भाजपा और उसके स्टार प्रचारक यह तय नहीं कर पाए थे कि उन्हें किन मुद्दों पर इस चुनाव को लड़ना है। कांग्रेस कर्नाटक में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे को लगातार उठा रही थी और बीजेपी इसका ठीक से जवाब नहीं दे पा रही थी। 3 मई का दिन कर्नाटक में निर्णायक साबित हुआ। 3 मई को सुबह 9 बजे कांग्रेस का घोषणापत्र जारी हुआ, जिसमें दसवें नंबर पर एक लाइन लिखी थी- बजरंग दल और पीएफआई जैसे कट्टर संगठनों पर कार्रवाई की जाएगी। 3 मई को ही पीएम मोदी की कर्नाटक में दो जनसभाएं मुदबिदरी और कलबुर्गी में थी और दोनों सभाओं में प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से निकला- जय बजरंग बली। ये वीडियो देखिए-
कर्नाटकः क्या कांग्रेस की गुगली पर बोल्ड हुए पीएम मोदी
- कर्नाटक
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- 13 May, 2023
कर्नाटक में क्या भाजपा और पीएम मोदी का चुनाव अभियान कांग्रेस के जाल में फंस गया। जनता राज्य में भ्रष्टाचार खत्म करने, महंगाई पर शिंकजा कसने पर राजनीतिक दलों से भरोसा चाहती थी लेकिन भाजपा और पीएम मोदी उसे हिन्दुत्व का टॉनिक पिलाती रही। पढ़िए पूरा विश्लेषणः
