कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने संकेत दिया है कि वे 26 जुलाई को इस्तीफ़ा दे सकते हैं ताकि विधानसभा चुनाव के पहले नया नेतृत्व कामकाज संभाल सके।
हालांकि येदियुरप्पा ने साफ शब्दों में यह नहीं कहा कि वे पद से हट ही जाएंगे। उन्होंने कहा, "मैं अपने अगले कदम के बारे में 25 जुलाई के बाद ही जान पाऊंगा, और मैं बीजेपी आला कमान के निर्णय का पालन करूंगा।"
उन्होंने इसके आगे कहा,
“
मैं पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगा और बीजेपी को कर्नाटक की सत्ता में वापस लाने के लिए काम करूंगा।
बी. एस. येदियुरप्पा, मुख्यमंत्री. कर्नाटक
समर्थकों से अपील
इसके पहले येदियुरप्पा ने ट्वीट कर अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की ख़बरों को लेकर किसी तरह का प्रदर्शन न करें। बुधवार को किए गए इस ट्वीट में येदियुरप्पा ने ख़ुद को पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता बताया है।
I am privileged to be a loyal worker of BJP. It is my utmost honour to serve the party with highest standards of ethics & behaviour. I urge everyone to act in accordance with party ethics & not indulge in protests/indiscipline that is disrespectful & embarrassing for the party.
— B.S. Yediyurappa (@BSYBJP) July 21, 2021
नेतृत्व परिवर्तन!
दूसरी ओर, एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसे कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कतील का बताया जा रहा है। हालांकि कतील ने इसे फ़र्जी बताया है। ऑडियो में कतील किसी शख़्स से कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन तय होने की बात कह रहे हैं।
बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की थी। इसके बाद येदियुरप्पा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले थे।
इन मुलाक़ातों के बाद मीडिया में ऐसी चर्चा है कि येदियुरप्पा अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे और बीजेपी हाईकमान नए मुख्यमंत्री का नाम तय करने में जुटा है। कुछ दिन पहले पार्टी ने उत्तराखंड में भी नेतृत्व परिवर्तन किया था। हालांकि येदियुरप्पा ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं से पूरी तरह इनकार किया था और कहा था कि इस तरह की ख़बरों में कोई सच्चाई नहीं है।
लिंगायतों के नेता
येदियुरप्पा को लिंगायत समुदाय का सबसे प्रभावशाली नेता माना जाता है। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 फ़ीसदी है। 224 सीटों वाले कर्नाटक में इस समुदाय का असर 90-100 विधानसभा सीटों पर है।
कहा जाता है कि येदियुरप्पा की वजह से ही लिंगायत समुदाय के ज़्यादातर लोग बीजेपी का समर्थन करते हैं। लिंगायत समुदाय के सभी प्रमुख मठाधीश और धार्मिक-आध्यात्मिक गुरु भी येदियुरप्पा का खुलकर समर्थन करते हैं।
अगर बीजेपी येदियुरप्पा को हटाती है तो वीरशिवा-लिंगायत समुदाय से उसके पास बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और अरविंद बेल्लाड विकल्प के तौर पर हैं।
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