कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में प्रार्थना के साथ ही संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले के बाद अब सभी छात्र-छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना पढ़ना होगा।