कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में प्रार्थना के साथ ही संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले के बाद अब सभी छात्र-छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना पढ़ना होगा।
कर्नाटक सरकार में मंत्री एचके पाटिल ने गुरुवार को बताया है कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने पुराने कानून को वापस लाने के लिए एपीएमसी अधिनियम में संशोधन करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में पाठ्यपुस्तकों के पुनरीक्षण पर भी चर्चा हुई है।
कर्नाटक कैबिनेट के इस फैसले के बाद राज्य में विपक्षी भाजपा इसका विरोध कर सकती है। माना जा रहा है कि केबी हेडगेवार का पाठ्यक्रम हटाया जाना भाजपा को गवारा नहीं होगा।
पिछली भाजपा सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रमों में किए थे कई संशोधन
पिछली भाजपा सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रमों में कई संशोधन किए थे। ये संशोधन कई विवादों में घिरे थे। तब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार ने स्कूली शिक्षा का भगवाकरण कर दिया है। चुनाव के समय भी कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि उनकी सरकार आई तो पाठ्यक्रमों में हुए विवादित संशोधनों को वापस लिया जाएगा।
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