भाजपा से गठबंधन के बाद कर्नाटक की जनता दल सेक्युलर या जेडीएस में बगावत के संकेत मिल रहे हैं। कर्नाटक में ही जेडीएस के राज्य प्रमुख सीएम इब्राहिम ने पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के एनडीए में शामिल होने के फैसले का विरोध किया है।
उन्होंने कहा है कि उनके साथ वाले लोग ही असली जेडीएस या मूल पार्टी है क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष हैं। हमारी पार्टी जेडीएस भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल नहीं होगी। प्रदेश अध्यक्ष के होने के नाते वह कर्नाटक में संगठन के बारे में निर्णय ले सकते हैं।
कर्नाटक जेडीएस के अध्यक्ष सीएम इब्राहिम ने कहा है कि जो हमारे साथ आना चाहते हैं वे आएं और जिसको जाना है वो जा सकते हैं। हम देखेंगे कि किसके पास कितने विधायक जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक जेडीएस का अध्यक्ष हूं। मैं भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करूंगा।
इब्राहिम ने कहा कि हम विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के साथ बात करेंगे। हम जेडीएस और भाजपा के गठबंधन को नहीं मानते हैं क्योंकि असली पार्टी हम हैं। मीडिया द्वारा जब उनसे पूछा गया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा जब फैसला ले चुके हैं कि वे एनडीए में जाएंगे तो आप यह फैसला कैसे ले सकते हैं।
इस पर उन्होंने कहा कि उनके (एचडी देवगौड़ा) पास तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल राज्य नहीं है। मेरे पास कम से कम कर्नाटक तो है। ऐसे में वो (एचडी देवगौड़ा) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसे हो सकते हैं। एचडी देवगौड़ा मेरे पिता समान है और एचडी कुमारस्वामी मेरे छोटे भाई जैसे हैं। ऐसे में मैं अब भी उनसे कहता हूं कि वापस आ जाएं।
इब्राहिम ने कहा कि वह एक कोर समिति बनाएंगे जो एचडी देवेगौड़ा से मिलकर सोमवार की बैठक में लिये गये फैसले से उन्हें अवगत कराएगी। हम उन्हें बताएंगे कि हमें भाजपा से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिए।
इब्राहिम ने कुछ पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा, ‘हमारा पहला फैसला है कि जनता दल (सेक्यूलर) राजग में शामिल नहीं होगा। हमारा दूसरा फैसला देवेगौड़ा से यह अनुरोध करने का है कि उन्हें इस गठबंधन के लिए अपनी मंजूरी नहीं देनी चाहिए।
एक सवाल के जवाब में इब्राहिम ने कहा, मैं कर्नाटक में पार्टी का अध्यक्ष हूं। मुझे राज्य में अपनी पार्टी के बारे में जो भी फैसला करना है मैं करुंगा। हम पहले ही तय कर चुके हैं कि हम भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। इससे ज्यादा क्या कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर एचडी देवेगौड़ा और कुमारस्वामी ने भाजपा के साथ जाने का निर्णय लिया है तो वे चले जाएं लेकिन हम नहीं जाएंगे।
जेडीएस के मुस्लिम नेता और कार्यकर्ता है नाराज
भाजपा के साथ जेडीएस के गठबंधन से कर्नाटक में जेडीएस के मुस्लिम नेता और कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं। उनका मानना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा के साथ गठबंधन करने का गलत फैसला लिया है। इससे पार्टी का मुस्लिम वोट बैंक उससे दूर हो जाएगा और आगामी चुनाव में पार्टी को नुकसान होगा। जेडीएस के उन मुस्लिम नेताओं के सामने संकट ज्यादा है जिन्हें जनता के बीच जाना है। उन्हें लगता है कि उनका जनाधार पार्टी के इस फैसले से खत्म हो जाएगा। लंबे समय से वे भाजपा का विरोध करते आ रहे हैं ऐसे में अब भाजपा से ही पार्टी का गठबंधन उन्हें पसंद नहीं आ रहा है।
पिछले दिनों भी खबर आयी थी कि कर्नाटक में जेडीएस के कई मुस्लिम नेता भाजपा से गठबंधन की घोषणा के बाद नाराज हैं। वे पार्टी में बगावत कर सकते हैं। राजनैतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि कर्नाटक में अगले कुछ दिनों में जेडीएस के अंदर बगावत देखने को मिल सकती है।
सितंबर में ही भाजपा-जेडीएस गठबंधन का हुआ था ऐलान
कर्नाटक में पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाला जनता दल (सेक्युलर) या जेडीएस अब एनडीए गठबंधन का हिस्सा आधिकारिक तौर पर बन गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपनी ताकत को कर्नाटक में बढ़ाने के लिए जेडीएस से यह गठबंधन किया है। वहीं जेडीएस के लिए भी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए यह गठबंधन जरूरी था।
दोनों दलों की कर्नाटक में इस वर्ष विधानसभा चुनाव में हुई बुरी हार ने एक दूसरे को करीब लाने में मदद की है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने सितंबर में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उनके साथ हुई इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद थे।
सितंबर में ही इस गठबंधन और मुलाकात की पुष्टि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्विट कर कर दी थी। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से हमारे वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में मुलाकात हुई है।
मुझे खुशी है कि जेडीएस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा बनने का फैसला किया है। हम एनडीए में उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं। यह एनडीए और माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा।
माना जा रहा है कि कर्नाटक में दोनों ही दलों के करीब आने से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर मिल सकती है। इस महीने की शुरुआत में, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बीएस येदियुरप्पा ने दोनों दलों के गठबंधन को लेकर दावा किया था।
उन्होंने कहा था कि भाजपा के राष्ट्रीय नेता कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से चार जेडीएल के साथ साझा करने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा और जेडीएस का गठबंधन होगा। इससे हमें बड़े पैमाने पर दोनों ही दलों को मजबूती मिलेगी। बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया था कि दोनों दलों का गठबंधन होने से कर्नाटक में 25 से 26 लोकसभा सीटों पर जीती जा सकती है।
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