जेडीएस लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी। पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने आज एनडीए के साथ चुनावी गठबंधन की संभावना से इनकार किया है। उनका यह बयान तब आया है जब देवेगौड़ा के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी पार्टी विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा के साथ मिलकर काम करेगी। इससे अगले साल के चुनावों के लिए दोनों दलों के हाथ मिलाने की अटकलें तेज हो गई थीं।
जेडीएस यानी जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने आज कहा कि 'किसी के साथ गठबंधन करने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं बिल्कुल स्पष्ट हूँ। हम स्वतंत्र रूप से लड़ाई लड़ेंगे।'
उन्होंने कहा, 'चाहे हम पांच, छह, तीन, दो या एक सीट जीतें, हम लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेंगे। हम अपने कार्यकर्ताओं से सलाह लेने के बाद केवल उन्हीं जगहों पर उम्मीदवार उतारेंगे जहां हम मजबूत हैं।'
एचडी देवेगौड़ा का आज यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने दावा किया था कि कुछ भाजपा नेता 'अन्य पार्टी नेताओं' के साथ समझौता कर रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने यह भी दावा किया था कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए 'बाहर' साजिश रची गई है। इसके अलावा शिवकुमार ने आज कहा कि 'वे (बीजेपी और जेडीएस) हमारी सरकार को अस्थिर नहीं कर सकते। हमारी सरकार मजबूत और स्थिर है।' उन्होंने आगे कहा, 'वे अपने राजनीतिक फायदे के लिए कुछ राजनीतिक रणनीति बना रहे हैं लेकिन कुछ भी काम नहीं आएगा।'
पिछले हफ़्ते ही बेंगलुरु में जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि उनकी पार्टी ने राज्य के हित में विपक्ष के रूप में भाजपा के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।
इस बयान के साथ ही उन्होंने संकेत दिया था कि वे आने वाले दिनों में भाजपा से गठबंधन कर सकते हैं और एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं।
उन्होंने कहा था कि पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने उन्हें पार्टी के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। इस बारे में बात करने के लिए संसद चुनावों में अभी भी समय है। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जेडीएस के एनडीए के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे गए एक सवाल पर वह बोल रहे थे।
हालाँकि, यह भी महत्वपूर्ण बात है कि पिछले दिनों एनडीए के 25 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली में हुई बैठक में बीजेपी ने जहां 38 पार्टियों को बुलाया लेकिन जेडीएस को आमंत्रण नहीं दिया था। कर्नाटक में मई में हुए 224 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस को 135 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी को 66 और जेडीएस को 19 मिलीं। जेडीएस अब कर्नाटक में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है और अब यह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। कर्नाटक में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है और जेडीएस से उसके रिश्ते फिलहाल अच्छे नहीं हैं।
अपनी राय बतायें