भारत में टीकाकरण को लेकर इतनी जबरदस्त मारामारी मची है कि पूछिए मत। कोरोना की दूसरी लहर में हुई तबाही के बाद सभी लोग चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द टीका लग जाए लेकिन हालात इतने ख़राब हैं कि दिल्ली सरकार कहती है कि उसके पास टीके नहीं हैं और वह अपने 100 से ज़्यादा टीकाकरण केंद्रों को बंद करने के लिए मजबूर है।
भारत सरकार ने एलान किया था कि देश में 18-44 साल के लोगों को 1 मई से टीका लगाया जाएगा। लोगों ने इसके लिए ख़ुद को रजिस्टर कराना शुरू किया लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण कई राज्यों को इस आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण रोकना पड़ रहा है। महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक की सरकार ने फ़ैसला लिया है कि वह शुक्रवार से इस आयु वर्ग के लोगों को टीका नहीं लगाएगी क्योंकि उसके पास वैक्सीन की कमी है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कहा कि सरकार ने फ़ैसला लिया है कि वह 18-44 साल के लोगों के लिए ख़रीदी गई वैक्सीन को ऐसे लोगों को लगाएगी जिनकी दूसरी डोज अभी बची है और यह फ़ैसला अगले आदेश तक लागू रहेगा। मतलब साफ है कि वैक्सीन है नहीं और एक का हिस्सा लेकर दूसरे को दिया जा रहा है।
कर्नाटक में संक्रमण ज़्यादा
जबकि कर्नाटक में कोरोना को लेकर हालात लगभग महाराष्ट्र जैसे ही हैं। राज्य में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 6 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है और हर दिन 40 हज़ार के करीब संक्रमण के मामले आ रहे हैं। पॉजिटिविटी रेट 30 फ़ीसदी के पास है। राज्य में बेंगलुरू इस महामारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित है लेकिन इस सबके बाद भी वैक्सीन न होने के कारण टीकाकरण नहीं हो पा रहा है।
बेंगलुरू महानगर पालिका के मुख्य आयुक्त गौरव गुप्ता ने बुधवार को कहा कि बेंगलुरू में टीके की सिर्फ़ 40 हज़ार डोज बची हैं। कई लोग तो वैक्सीन के लिए 100 किमी. दूर तक जा रहे हैं।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पत्रकारों से कहा कि सरकार ने फ़ैसला लिया है कि वह 18-44 साल के लोगों के मिले टीकों को उन लोगों को लगाएगी जो 45 साल से ऊपर के हैं और ऐसे में 18-44 साल के लोगों का टीकाकरण कुछ वक़्त के लिए रोकना होगा।
हालात यही हैं कि राज्य सरकारों के पास टीके नहीं हैं और दूसरी ओर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कह रहे हैं कि दुनिया का सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है।
लाइनों में लगे हैं लोग
वैक्सीन को लेकर ऐसे ही हालात राजस्थान, पंजाब और कुछ अन्य राज्यों के भी हैं। राजस्थान से ख़बर है कि वहां पर कई सेंटरों पर वैक्सीन ख़त्म हो गई है और लोग कई सेंटर्स पर दौड़ लगा रहे हैं। वैक्सीन लगाने के लिए सुबह से लाइनों में खड़े लोग कहते हैं कि दूसरी डोज छह हफ़्ते के अंदर लग जानी चाहिए और यह वक़्त निकलता जा रहा है।
सवाल यह है कि केंद्र सरकार राज्यों को वैक्सीन कब उपलब्ध कराएगी। अगर सरकार के पास वैक्सीन नहीं थी तो 18-44 साल के लोगों का टीकाकरण करने की घोषणा नहीं की जानी चाहिए थी।
अभी हालात ये हैं कि 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश में सिर्फ़ 18 जिलों में 18-44 साल के आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण हो रहा है। जब राज्यों के पास टीके तय वक़्त पर नहीं पहुंचेंगे तो वे निश्चित रूप से दिल्ली सरकार वाली स्थिति में पहुंचेंगे, जहां पर टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ेगा। ऐसे हालात में कैसे कोरोना की दूसरी और संभावित तीसरी लहर का मुक़ाबला किया जा सकेगा, यह बेहद गंभीर सवाल है।
अपनी राय बतायें