कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची को लेकर दो हाई-प्रोफाइल नाम चौंकाने वाले हैं। एक तो सचिन पायलट का नाम है जो हाल में राजस्थान कांग्रेस में हलचल मचाने के लिए सुर्खियों में रहे हैं। और दूसरे कर्नाटक के पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार हैं जो कांग्रेस में शामिल होकर कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। इसमें से एक का नाम सूची में नहीं है, जबकि दूसरे का नाम शामिल है।
कांग्रेस ने जो सूची जारी की है उसमें कांग्रेस के मुख्यमंत्री- अशोक गहलोत (राजस्थान), भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) और सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश) शामिल हैं। इस सूची में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया, प्रियंका वाड्रा, पी चिदंबरम, जयराम रमेश, शशि थरूर सहित 40 स्टार प्रचारकों के नाम हैं।
सूची में रामलिंग रेड्डी, डीके सुरेश, जीसी चंद्रशेखर, सैयद नसीर हुसैन, जमीर अहमद खान, एचएम रेवन्ना, उमाश्री, रेवंत रेड्डी, रमेश चेन्निथला, श्रीनिवास बीवी, राज बब्बर, मोहम्मद अजहरुद्दीन, दिव्या स्पंदना, इमरान प्रतापगढ़ी, कन्हैया कुमार, रूपा शशिधर और साधुकोकिला भी हैं।
विधानसभा चुनाव 10 मई को होंगे और परिणाम 13 मई को कर्नाटक में घोषित किए जाएंगे, जहां कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश कर रही है।
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— Karnataka Congress (@INCKarnataka) April 19, 2023
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सचिन पायलट 2018 के कर्नाटक चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में थे, लेकिन इस बार इसमें नहीं हैं। वह हाल ही में संपन्न असम चुनावों के स्टार प्रचारकों में से एक थे।
बता दें कि पायलट हाल में राजस्थान कांग्रेस में सुर्खियों में रहे हैं। पायलट ने क़रीब हफ़्ते भर पहले वसुंधरा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ अनशन किया था। तब पायलट ने कहा था कि लोगों को भरोसा देना जरूरी है कि कांग्रेस सरकार 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने बयानों और वादों पर काम कर रही है।
अपनी ही सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार आबकारी माफिया, अवैध खनन, जमीन पर कब्जा और ललित मोदी शपथ पत्र मामले में कार्रवाई करने में विफल रही है। पायलट ने वसुंधरा राजे पर करप्शन और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाए और पूछा था कि उन्होंने इन मामलों की कोई जांच शुरू क्यों नहीं की।
पायलट के इन आरोपों के बाद कांग्रेस में हंगामा मच गया था। उनके विरोधी खेमे ने इसे कांग्रेस पार्टी के ख़िलाफ़ कार्रवाई बताया था। पायलट खेमा इस बात से हैरान था कि उनके अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताने के बाद पार्टी ने कोई अन्य प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। पायलट ने पहले भी एक बार बगावत की थी और उसके बाद उनको उप मुख्यमंत्री पद और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था।
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