अक्सर विवादित बयान देते रहने वाले कर्नाटक बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने एक और विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने राज्य में कई मस्जिदों का नाम लेते हुए उन्हें ढहाने की बात कह दी है। इस पर पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। बीजेपी ने अनंत हेगड़े के बयान से खुद को अलग कर लिया है।
दरअसल, हेगड़े ने भटकल, उत्तर कन्नड़ और मांड्या में कई मस्जिदों का नाम लेते हुए दावा किया था कि वे सभी हिंदू मंदिरों के ऊपर बनाई गई थीं। उन्होंने कहा, 'राज्य के हर गांव में छोटे-छोटे धार्मिक स्थल हैं जो ग़लत बनाए गए हैं। जब तक इन्हें ध्वस्त नहीं किया जाएगा, हिंदू समुदाय शांत नहीं बैठेगा।' उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि उनके बयान को धमकी के रूप में लिया जा सकता है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने शनिवार को कुमटा में एक बैठक में कहा था, 'हम निश्चित रूप से विध्वंस करेंगे। यह हिंदू समुदाय का निर्णय है, अनंतकुमार हेगड़े का नहीं'।
बीजेपी सांसद ने कहा, 'बदला, बदला, बदला... अगर हमने 1,000 साल तक बदला नहीं लिया, तो हिंदू समुदाय स्पष्ट रूप से कह सकता है कि हमारा खून हिंदू नहीं है। हम ऐसा समुदाय नहीं हैं जो कर्ज में डूब जाएगा। हम किसी भी कीमत पर कर्ज चुकाएंगे।'
कर्नाटक पुलिस ने अनंतकुमार हेगड़े के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है। रविवार को पुलिस ने हेगड़े की टिप्पणी पर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए यानी विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और धारा 505 यानी सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान के तहत शिकायत दर्ज की। कुमटा पुलिस ने हेगड़े के खिलाफ नफ़रत फैलाने वाले भाषण और ज़िले में अशांति पैदा करने की कोशिश से संबंधित धाराएँ लगाते हुए मामला दर्ज किया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और संस्कृति मंत्री शिवराज तंगदागी सहित कांग्रेस नेताओं ने हेगड़े के भाषण की आलोचना की है। भाजपा ने भी अपने कर्नाटक सांसद अनंतकुमार हेगड़े की टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया है।
भाजपा विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि हेगड़े की टिप्पणी उनके व्यक्तिगत विचार थे। उन्होंने रविवार को संवाददाताओं से कहा, 'मैं इसके बारे में और कुछ नहीं कहना चाहता। पीएम मोदी ने लोगों से सभी धर्मों के लिए सद्भाव, एकता और सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।' उन्होंने कहा कि हालाँकि कुछ मंदिरों को मस्जिदों में बदल दिया गया, लेकिन यह ऐसे मुद्दों को उठाने का समय नहीं है।
बता दें कि हेगड़े महात्मा गांधी पर भी विवादित बयान दे चुके हैं। हेगड़े ने महात्मा गाँधी पर हमला बोला था और देश की आज़ादी के लिये किये गये उनके संघर्ष को ड्रामा बताया था। हेगड़े ने बापू को महात्मा कहने पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि कैसे ऐसे लोगों को भारत में महात्मा कहा जाता है। बयान को लेकर विवाद होने पर हेगड़े ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने एक बार भी महात्मा गाँधी का नाम नहीं लिया था।
हेगड़े ने कहा था, ‘कांग्रेस का समर्थन करने वाले लोग कहते हैं कि भारत को आज़ादी सत्याग्रह के कारण मिली लेकिन यह सही नहीं है। अंग्रेजों ने इस देश को सत्याग्रह के कारण नहीं छोड़ा था।’ उन्होंने कहा था कि अंग्रेजों ने परेशान होकर देश को आज़ादी दी थी। बीजेपी सांसद ने कहा था, ‘जब मैं इतिहास पढ़ता हूं तो मेरा खून उबल जाता है। ऐसे लोग हमारे देश में महात्मा बन जाते हैं।’
हेगड़े ने एक रैली में कहा था कि बीजेपी संविधान में संशोधन करने के लिए ही सत्ता में आई है। उन्होंने कहा था कि संविधान में पहले भी संशोधन हुए हैं और वे संशोधन करके संविधान से 'सेक्युलर' शब्द को हटाएँगे। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले जब बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था तो हेगड़े ने उनके बयान को सही ठहराया था और कहा था कि साध्वी प्रज्ञा को इस पर माफ़ी माँगने की कोई ज़रूरत नहीं है। जबकि पीएम मोदी ने कहा था कि वह साध्वी प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं करेंगे।
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