बाबरी मसजिद की जमीन को लेकर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने करीब 4500 वर्गमीटर का जमीन का टुकड़ा अयोध्या शहर से 25 किलोमीटर दूर आवंटित किया और इसके लिए एक मसजिद कमेटी का भी गठन किया गया। बाबरी मसजिद वाली जगह पर राम मंदिर बनकर तैयार है और 22 जनवरी को वहां प्राण प्रतिष्ठा भी होने वाली है। दूसरी तरफ अयोध्या में प्रस्तावित मसजिद की एक ईंट भी नहीं रखी गई और सरकार ने इस बीच नवंबर 2023 में इस कमेटी को भी बदल दिया। इस कमेटी में महाराष्ट्र से भाजपा नेता अरफात शेख को रखा गया है। अरफात शेख अब प्रस्तावित मसजिद को ताज महल से भी ज्यादा खूबसूरत बनाने के सपने मुसलमानों को दिखा रहे हैं। एक तरह से मसजिद बनवाने की जिम्मेदारी उन्होंने संभाल ली है।
अयोध्याः ताज महल से बेहतर मसजिद बनाने के चक्कर में यूनिवर्सिटी क्यों हटा दी
- देश
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- 29 Mar, 2025
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की चर्चा के बीच वहां सरकारी जमीन पर बनने वाली प्रस्तावित मसजिद की भी चर्चा शुरू हो गई है। मंदिर का एक बड़ा हिस्सा सरकारी संरक्षण में बनकर तैयार है लेकिन मसजिद की एक ईंट भी रखी नहीं गई। अब इसे ताज महल से भी सुंदर बनाने के दावे किए जा रहे हैं। मसजिद के पहले वाले नक्शे में वहां अस्पताल और यूनिवर्सिटी बनाने की बात भी थी लेकिन यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव गायब कर दिया गया है। मसजिद कमेटी इससे किसका भला करना चाहती है, कोई जवाब देगाः
