बेंगलुरु पुलिस ने स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी का शो रद्द करने का आदेश दिया है। अशोक नगर में गुड शेफर्ड ऑडिटोरियम में यह शो होना था। लेकिन, पुलिस ने क़ानून- व्यवस्था का हवाला देते हुए आयोजकों से शो रद्द करने को कहा है।
बेंगलुरु के अशोक नगर थाने के प्रमुख ने आयोजकों को लिखी चिट्ठी में कहा है, "यह पता चला है कि मुनव्वर फ़ारूक़ी एक विवादास्पद व्यक्ति हैं। अन्य धर्मों के देवताओं पर उनके बयान की वजह से कई राज्यों ने उनके कॉमेडी शो पर प्रतिबंध लगा दिया है। पता चला है कि उनके ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश में एक मामला दर्ज किया गया है। इसी तरह के मामले उनके खिलाफ अन्य राज्यों में भी दर्ज हैं।"
पुलिस पर आरोप लग रहा है कि उसने दक्षिणपंथी संगठनों के दबाव में आकर यह शो रद्द करने को कहा है। इसके पहले हिंदू जागरण समिति के मोहन गौड़ा ने धमकी दी थी कि वे शो नहीं होने देंगे।
धमकी
मोहन गौड़ा ने यह धमकी भी दी थी कि शो रद्द नहीं होने पर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा था,“
हमने पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई है और शो को रद्द करने की माँग की है। मुनव्वर फ़ारूक़ी ने इंदौर और अन्य जगहों पर अपने शो में हिंदुओं के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी की है और उनकी भावनाओं को आहत किया है।
मोहन गौड़ा, सदस्य, हिन्दू जागरण समिति
क्या कहा फ़ारूक़ी ने?
मुनव्वर फ़ारूक़ी ने शो रद्द होने के बाद रविवार को एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, "नफ़रत जीत गई, कलाकार हार गया। मेरा काम हो गया, अलविदा.. अन्याय।"
उनके कुछ प्रशंसकों ने उनसे शो रद्द नहीं करने का अनुरोध किया। संगीतकार मयूर जुमानी ने पोस्ट किया, "नहीं, आप छोड़ नहीं रहे हैं. हम आपको ऐसा नहीं करने देंगे।"
याद दिला दें कि जनवरी 2021 में इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के सिलसले में मुनव्वर फ़ारूक़ी को जेल हो गई थी और सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद ही उन्हें ज़मानत मिली थी।
इस मामले में इंदौर की महापौर और स्थानीय बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य सिंह गौड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी कि फ़ारूक़ी ने इंदौर में 1 जनवरी को आयोजित शो में हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
विवाद
इसके बाद फ़ारूक़ी को चार अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया था। इन सभी पर यह भी आरोप था कि इन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर भी भद्दी टिप्पणियां की थीं और चुटकुले बनाए थे।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 28 जनवरी को इस कॉमेडियन को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था, "अब तक के साक्ष्यों से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो के दौरान नागरिकों के एक वर्ग की भावनाओं को आहत करने के लिए ग़लत, फ़र्जी और अपमानजनक टिप्पणियां कीं।"
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद फ़ारूक़ी ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था।
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