कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री चुने गए बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। बोम्मई कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री हैं। ख़बरों के मुताबिक़, बोम्मई की सरकार में तीन उप मुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे।
मंगलवार को बेंगलुरू में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में बोम्मई को विधायक दल का नेता चुना गया था। बोम्मई बीएस येदियुरप्पा की सरकार में गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। निवर्तमान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व जी. किशन रेड्डी बतौर पर्यवेक्षक बैठक में शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री के चयन के लिए बीजेपी हाईकमान ने ख़ासी दिमागी कसरत की है।
बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। उसके बाद से ही नए दावेदार के नाम को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं।
लिंगायत समुदाय से आने वाले बसवराज बोम्मई को येदियुरप्पा का भरोसेमंद माना जाता है। उनके पिता एसआर बोम्मई कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे।
नाराज़गी का ख़तरा नहीं लिया मोल
येदियुरप्पा के इस्तीफ़े के बाद लिंगायत संतों की नाराज़गी को देखते हुए कहा जा रहा था कि बीजेपी येदियुरप्पा की पसंद को नज़रअंदाज नहीं करेगी और ऐसा करके वह बेवजह लिंगायत समुदाय की नाराज़गी मोल नहीं लेगी। और आख़िरकार उसने ऐसा ही किया।
कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 फ़ीसदी है। 224 सीटों वाले कर्नाटक में इस समुदाय का असर 90-100 विधानसभा सीटों पर है। येदियुरप्पा को लिंगायत समुदाय का सबसे प्रभावशाली नेता माना जाता है। लिंगायत समुदाय के सभी प्रमुख मठाधीश और धार्मिक-आध्यात्मिक गुरु भी येदियुरप्पा का खुलकर समर्थन करते रहे हैं।
ये नेता भी थे दौड़ में
बोम्मई के अलावा राज्य के खनन मंत्री मुरूगेश निरानी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे। निरानी ने बीते कई दिनों में कई बार दिल्ली का दौरा कर अमित शाह सहित कई बड़े नेताओं से मुलाक़ात की थी। निरानी का भी लिंगायत समुदाय में अच्छा प्रभाव माना जाता है।
इसके अलावा लिंगायत समुदाय से आने वाले विधायक अरविंद बेल्लाड और उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टार का भी नाम चर्चा में था।
ब्राह्मण समुदाय से आने वाले नेताओं में पार्टी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, विधानसभा के स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कगेरी का नाम चर्चा में चल रहा था।
वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि, राजस्व मंत्री आर. अशोक और उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण का नाम भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में शामिल था। वोक्कालिगा लिंगायत के बाद प्रमुख समुदाय है और इसका बड़ा हिस्सा कांग्रेस का समर्थन करता है।
राज्य में वोक्कालिगा समुदाय की आबादी 15 फ़ीसदी है और इस समुदाय के नेता लंबे वक़्त से मांग करते रहे हैं कि उन्हें भी राज्य में लिंगायतों के बराबर राजनीतिक महत्व दिया जाना चाहिए।
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