दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने कर्नाटक सरकार से समर्थन वापस लेकर मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी का संकट और बढ़ा दिया है। यह राजनीतिक घटना ऐसे समय हुई है जब मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कुमारस्वामी पर उनके विधायकों को तोड़ कर अपनी ओर लाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को कर्नाटक से हटा कर दिल्ली के नज़दीक गुड़गाँ के एक रिज़ॉर्ट में बिठा रखा है ताकि सत्तारूढ़ दल के लोग उनसे संपर्क न कर सकें।
सरकार अल्पमत में?
कुमारस्वामी पर अक्षमता का आरोप लगाते हुए शंकर ने कहा, 'आज मकर संक्राति है। हम परिवर्तन चाहते हैं और मैं इस मौके पर सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूँ।' राज्य विधानसभा में सदस्यों की संख्या 224 है और जेडीएस-कांग्रेस संयुक्त मोर्चे के पास 113 विधायक हैं, यानी बहुमत के लिए ज़रूरी संख्या से सिर्फ़ एक अधिक। ऐसे में दो विधायकोें के समर्थन वापस लेने से सरकार के पास बहुमत नहीं रहा। लेकिन बीजेपी के पास सिर्फ़ 104 विधायक हैं, ज़ाहिर है, वह बहुमत से बहुत पीछे है।
कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि उसके 5 विधायक गायब हैं। उसने कहा है कि बीजेपी 'ऑपरेशन लोटस' पर काम कर रही है। साल 2008 में कर्नाटक बीजेपी पर यह आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन येदयुरप्पा सरकार को बचाने के लिए उसने कांग्रेस के विधायको को लोभ देकर अपनी ओर मिला लिया। इसे ही 'ऑपरेशन लोटस' कहा गया था।
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