महाराष्ट्र में शिवसेना के सियासी दाँव के कारण सरकार बनाने में असफ़ल रही बीजेपी को अब झारखंड में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। झारखंड में सीट बँटवारे को लेकर बीजेपी और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के बीच समझौता नहीं हो सका और दोनों दलों का गठबंधन टूट गया। आजसू ने झारखंड में 12 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इनमें वे सीटें भी शामिल हैं, जहाँ पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। राँची स्थित आजसू मुख्यालय में सोमवार शाम को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने 12 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए।
आजसू ने झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ के ख़िलाफ़ भी उम्मीदवार उतार दिया है। आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो सिल्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे। आजसू के बाद केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने झारखंड के आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरने का एलान किया है।
एलजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्य में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और मंलगवार को ही पहली सूची जारी कर दी जाएगी। झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं। इससे बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन में भी फूट पड़ चुकी है और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सीटों का बँटवारा कर लिया है। बँटवारे में जेएमएम को 43, कांग्रेस को 31 और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को सात सीटें दी गई है। यह भी तय कर लिया गया है कि जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन गठबंधन की तरफ़ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) और वाम दलों को इस गठबंधन से बाहर रखा गया है।
झारखंड में पाँच चरणों में विधानसभा के चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 30 नवंबर को होगा। 7 दिसंबर को दूसरे, 12 दिसंबर को तीसरे चरण के तहत वोटिंग होगी। वहीं, चौथे चरण की वोटिंग 16 दिसंबर को जबकि 20 दिसंबर को पाँचवें चरण की वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 23 दिसंबर को आएँगे।
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