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फाइल फोटो

संकट में हैं हेमंत सोरेन सरकार, 3 जनवरी को बुलाई विधायक दल की बैठक  

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आने वाले एक वर्ष के लिए इस राज्य में नई सरकार के गठन का प्लॉट तैयार हो रहा है। जमीन घोटाला और अवैध खनन से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हेमंत सोरेन पर ईडी की जांच चल रही है। 
इसमें हेमंत सोरेन फंसते दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि ईडी कभी भी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। इस संकट को देखते हुए वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बना सकते हैं। इस नये संकट के बाद हेमंत सोरेन ने  3 जनवरी को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक बुलाई है।

राजनैतिक हलकों में चर्चा तेज है कि इस बैठक में कल्पना सोरेन को सीएम बनाने के नाम को आगे किया जा सकता है। इसके साथ ही सरकार पर आए इस संकट के बाद हेमंत सोरेन कानूनी सलाह भी ले रहे हैं। 
उन्होंने इसके लिए झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन से भी मुलाकात की है। उन्होंने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की है। इन घटनाक्रमों ने झारखंड की राजनीति में चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है। सबकी नजर हेमंत सोरेन और ईडी की कार्रवाई पर लगी है। 

ईडी के कारण हेमंत सरकार पर यह खतरा आया है। ईडी ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को सातवीं बार नोटिस भेजा है। 29 नवंबर को भेजे अपने समन में ईडी ने हेमंत सोरेन को एक सप्ताह के अंदर बयान दर्ज कराने को कहा है। ईडी ने इसके लिए दो दिनों में वह जगह बताने को भी कहा है जहां उनका बयान दर्ज किया जा सके। 

हेमंत सोरेन इससे पहले ईडी के 6 समन में बयान दर्ज कराने के लिए नहीं पहुंचे थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सातवें समन के बाद भी उन्होंने न तो अपना बयान दर्ज कराया है और न ही वह जगह बतायी है जहां बयान दर्ज कराना चाहते हैं। ईडी की ओर से भेजे 7वें समन की समय सीमा 5 जनवरी को खत्म हो रही है। 

ऐसे में आशंका वयक्त की जा रही है कि अब किसी भी दिन ईडी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर सकती है। इस खतरे को देखते हुए हेमंत सोरेन 5 जनवरी से पहले अपनी सरकार को बचाने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार कर रहे हैं। राजनैतिक हलके में चर्चा है कि हेमंत सोरेन गिरफ्तार होने की स्थिति में अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बना सकते हैं। 

कल्पना सोरेन अभी विधायक नहीं हैं। वह अभी तुरंत तो सीएम बन सकती हैं लेकिन उन्हें अगले 6 माह में किसी सीट से विधानसभा पहुंचना होगा। संकट यह भी है कि विधानसभा चुनाव करीब एक वर्ष बाद ही होना है। 
ऐसे में विधानसभा चुनाव करीब होने पर उपचुनाव नहीं हो पायेगा। इसलिए नियम-कानूनों में मामला फंसे नहीं इसलिए हेमंत सोरेन जल्द से जल्द अपनी पत्नी कल्पना सोरेन विधायक बनाना चाहते हैं ताकि उनके जेल जाने की स्थिति में अगले करीब एक वर्ष तक वह सरकार चला सके। 

कल्पना सोरेन का विधानसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए हेमंत ने अपनी पार्टी के विधायक डॉ सरफराज अहमद का विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिलवा दिया है। गांडेय विधानसभा सीट से विधायक रहे डॉ सरफराज अहमद ने विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो को अपना इस्तीफा भेज दिया है। 

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सेक्यूलर सरकार बचाने के लिए दिया इस्तीफा 

इस बीच मीडिया से बातचीत करते हुए गांडेय विधानसभा सीट से विधायक रहे और कल्पना सोरेन के लिए इस सीट से इस्तीफा देने वाले विधायक डॉ सरफराज अहमद ने कहा है कि वह पार्टी के साथ हैं। कहा है कि अपना इस्तीफा झारखंड में यूपीए की सेक्यूलर सरकार को बचाने के लिए दिया है। 
राज्य में यह सेक्यूलर सरकार रहे यही मैं चाहता हूं। इसके लिए ही इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना उनका वयक्तिगत फैसला है। यह कदम पार्टी, सरकार और हेमंत सोरेन के हाथों को मजबूत करने के लिए उठाया है। 
हमारे नेता मजबूत हैं और आने वाले दिनों में पार्टी जो फैसला लेगी वहीं कार्य मैं करुंगा। यह मेरा व्यक्तिगत फैसला है। मेरे अब तक के अनुभव से मुझे खतरा नजर आ रहा था। उन्होंने कहा कि इस फैसले से झारखंड भी बचेगा और सरकार भी। अगर भाजपा नए साल में कुछ नया करने वाली थी, तो मैंने उनसे पहले कुछ नया कर दिया।  
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क़मर वहीद नक़वी
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