81 सदस्यीय  झारखंड विधानसभा के लिए 43 सीटों पर पहले चरण में 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इनमें कोल्हान प्रमंडल की 14 सीटें भी शामिल हैं, जहां 2019 के चुनाव में बीजेपी का खाता नहीं खुला था। बीजेपी इस बार कोल्हान में अपनी खोयी जमीन वापसी के लिए हर दांव खेल रही है। यहां से पार्टी ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की पत्नियां, पुत्र और बहू को मैदान में उतारा है। जाहिर तौर पर परिवारवाद की इस राजनीति को लेकर पार्टी को सवालों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही पार्टी में कलह भी फूट पड़ा है। पूछा जा सकता है कि बीजेपी की राजनीतिक मजबूरियां क्या थीं और इसका चुनाव पर असर क्या होगा।