कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में ऑपरेशन लोटस यानी विधायकों की खरीद-फरोख्त के जरिए विपक्षी दलों की सरकारें गिराने का भाजपा का अभियान कामयाब रहा है। यहीं नहीं, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर आदि राज्यों में जहां भाजपा ने स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाई, वहां भी उसने अपने सहयोगी दलों और विपक्षी दलों के विधायकों को आसानी से तोड़ कर अपनी ताकत में इजाफा कर लिया, लेकिन झारखंड में वह ऐसा नहीं कर पा रही है।

क्या झारखंड में भाजपा का ऑपरेशन लोटस कामयाब नहीं हो पाएगा? आखिर इसकी वजह क्या है?
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी, सीबीआई, आयकर आदि केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियां झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों के पीछे लगी हुई हैं, अदालतों में मामले दायर किए गए हैं, जिनकी सुनवाई चल रही है, चुनाव आयोग में शिकायत हुई है, जिसका फैसला आया हुआ है और लोकपाल में भी मामला लंबित है।
इसके अलावा गठबंधन के विधायकों को तोड़ने के भाजपा के प्रयास भी चल रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा का ऑपरेशन लोटस कई कारणों से कामयाब नहीं हो पा रहा है।
इसके अलावा गठबंधन के विधायकों को तोड़ने के भाजपा के प्रयास भी चल रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा का ऑपरेशन लोटस कई कारणों से कामयाब नहीं हो पा रहा है।