आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस साल और अगले साल यानी 2023 में होने वाले किसी भी राज्य के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पेश नहीं करेगी। सभी चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और चेहरे पर ही लड़े जाएंगे। बताया जाता है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां भारी गुटबाजी, मुख्यमंत्रियों के खिलाफ एंटी इन्कमबेंसी और प्रतिकूल हो रहे सामाजिक समीकरणों के चलते तथा कुछ क्षत्रपों को ठिकाने लगाने की शीर्ष नेतृत्व की योजना के तहत पार्टी बिना कोई चेहरा पेश किए चुनाव लड़ेगी। यानी हर चुनाव अब मोदी बनाम विपक्ष होगा।

राज्यों में विधानसभा चुनावों में बीजेपी अपने क्षेत्रीय नेताओं को चेहरा क्यों नहीं बना रही है? क्या अगले चुनावों में वह ऐसा करेगी या फिर प्रधानमंत्री मोदी ही चेहरा होंगे? जानिए इसके पीछे की वजह।
वैसे, यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि बीजेपी में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का युग शुरू होने के बाद पिछले आठ साल में पार्टी ने लगभग सभी विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही लड़े हैं और जीतने के बाद शीर्ष नेतृत्व के पसंदीदा चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है। अलबत्ता उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पिछले चुनाव तथा 2015 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव को ज़रूर अपवाद कहा जा सकता है। उत्तर प्रदेश में पार्टी ने योगी आदित्यनाथ और राजस्थान में वसुंधरा राजे के चेहरे पर चुनाव लड़ा था, जबकि दिल्ली में उसने किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था।