सरकार चाहे जो दावे करे, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी वारदात लगातार बढ़ती जा रही हैं। ताज़ा घटनाक्रम में सोमवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ में आतंकवादियों ने 3 निहत्थे पुलिस वालों को गाड़ी से उतार कर मार डाला। शोपियाँ ज़िले में दो अलग-अलग वारदात में एक नागरिक और पुलिस का एक जवान ज़ख़्मी हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रवक्ता मनोज पंडिता ने तीन पुलिस वालों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा है कि ये लोग किसी मामले की तहकीक़ात करने के लिए अशीमापोरा गांव गए हुए थे, लौटते वक़्त रास्ते में अज्ञात आतंकवादियों ने उन्हें रोका, गाड़ी से उतारा और गोली मार दी। मारे जाने वालों में हेड कांस्टेबल मुश्ताक अहमद जो आदिलगाँव, पुलवामा के रहने वाले थे। उनके साथ सोपोर के रहने वाले कांस्टेबल निसार अहमद और लेह के रहने वाले कांस्टेबल शबीर अहमद भी मारे गए।
इसके पहले संदिग्द आतंकवादियों ने मीरगुंड में बस में सफ़र कर रहे एक सब-इंस्पेक्टर पर गोलियाँ चलाईं थीं। तीसरी घटना में आतंकवादियों ने त्राल में रफ़ीक अहमद दादा नामक एक नागरिक को गोली मार कर घायल कर दिया। उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है। दादा कभी उग्रवादी थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक के. राजेंद्र ने दावा किया कि इससे पुलिस बल के मनोबल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, 'पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी निभा रहे थे, जब आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया, इस कायराना हमले से समाज की इस बुराई को ख़त्म करने के हमारे फ़ैसले को और बल मिलेगा।'
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