लंबे समय से आतंकवाद से जूझ रहा जम्मू-कश्मीर एक बेहद ख़तरनाक मोड़ पर पहुँच चुका है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की चपेट में दशकों से परेशान भारत का यह अशांत राज्य नए किस्म के आतंकवाद का सामना कर रहा है। यह है घरेलू आतंकवाद। अब स्थानीय लोग बड़ी तादाद में आतंकवाद का रास्ता चुन रहे हैं, भारतीय सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। ये लोग पाकिस्तान से आने वाले आतंकवादी नहीं है, ये शोपियाँ, पुलवामा, अंनतनाग और कुलगाम जैसी जगहों से हैं। ये सामान्य मध्यवर्ग से हैं, ज़्यादातर लोग पढ़े लिखे युवक हैं।