जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में आतंकवादियों के निशाने पर आने के बाद जिस तरह पंडितों यानी हिन्दुओं ने घाटी से पलायन किया था, वैसा ही मंजर एक बार फिर दिख रहा है।

राज्य में तीन दिन में अलग-अलग आतंकवादी वारदातों में चार हिन्दुओं और एक सिख की हत्या के बाद राज्य का अल्पसंख्यक समुदाय बुरी तरह डरा हुआ है और लोग घाटी छोड़ कर शेष भारत में कहीं बस जाने की कोशिश में हैं।