वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी के बीच जम्मू-कश्मीर में सुलग रहे असंतोष का फ़ायदा उठा कर चीन भारत में बड़े पैमाने पर उपद्रव व गड़बड़ियाँ फैलाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए वह पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेन्सी आईएसआई को उकसा रहा है और उसे बढ़ावा दे रहा है।
एनडीटीवी की एक ख़बर के अनुसार, बीजिंग ने पाकिस्तान से कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए बड़ी मात्रा में हथियार और बड़ी तादाद में आतंकवादियों की घुसपैठ करवाए।
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कश्मीर में चीनी हथियार!
हाल के दिनों में कश्मीर में बरामद किए गए हथियारों से इसकी पुष्टि होती है क्योंकि ज़्यादातर हथियार चीन में बने हुए हैं और उन पर चीन का मार्का लगा हुआ है।एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है, 'घुसपैठ रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था किए जाने की वजह से पाकिस्तान न तो आतंकवादियों को भेज पा रहा है और न ही बड़ी मात्रा में हथियार। ऐसे में चीन ने आईएसआई से कहा है कि सर्दियों के शुरू होने के पहले ही अधिक से अधिक मात्रा में हथियार जम्मू-कश्मीर पहुँचा दिए जाएं। सर्दियों में बर्फ गिरने से झाड़ियां मुर्झा जाती हैं और ऐसे में घुसपैठ मुश्किल हो जाता है।'
नरवणे ने किया मुआयना
चीन से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच ही पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा पर भी भारत ने मुस्तैदी बढ़ा दी है, आला अफसरों ने इलाक़े का मुआयना किया और हालत का जायजा लिया है। थल सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवणे, सीमा सुरक्षा बल के राकेश अस्थाना और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के प्रमुख ए. पी. माहेश्वरी ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जायजा लिया है और वहां जाकर मुआयना किया है।सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा कि पाकिस्तान ने बीएसएफ के कामकाज का अध्ययन करने के बाद अपने कामकाज के तौर-तरीकों को बदला है। अब वह आतंकवादियों को हथियारों से लैश कर घुसपैठ कराने की कोशिश नहीं करता है, उन्हें सुरक्षा कवर देने के लिए फ़ायरिंग नहीं करता है।
पाकिस्तान ने रणनीति बदली है और वह अब आतंकवादियों को खाली हाथ घुसपैठ करवाता है ताकि उस पर संदेह न हो। वह हथियार उसके बाद भेजता है या ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में गिराता है।
आतंकवाद में बढ़ोतरी
एनडीटीवी का कहना है कि घाटी में स्थानीय स्तर पर भी आतंकवादी गुटों में लोगों की भर्ती बढ़ गई है। बीते दो महीनों में बड़ी तादाद में लोग इन गुटों से जुड़े हैं और हथियार भी बहुत बड़ी मात्रा में बरामद किए गए हैं।खुफ़िया एजंसियों ने कहा है कि चीन ने आईएसआई को बड़ी तादाद में हेक्साकॉप्टर दिए हैं। यह एक तरह का ड्रोन होता है, लेकिन बड़ा होता है।
बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में चल रहे निर्माण कार्य में मदद करने के लिए हेक्साकॉप्टर दिए हैं, पर आईएसआई उनका इस्तेमाल भारत में हथियार गिराने में कर रहा है।
चीनी राइफल
अधिकारियों के मुताबिक़, भारतीय सेना ने चीनी कंपनी नॉरनिको में बने राइफल जम्मू-कश्मीर में बरामद किए हैं। नॉरनिको/ईएमईआई टाइप 97 राइफलें, एके 47 राइफल, चार मैगजीन, 218 राउंड गोलियों के अलावा 3 हथगोले भी बरामद किए गए हैं। नॉरनिको क्यूबीज़ेड 95 राइफल भी बरामद की गई है। चीन में बने नॉरनिको राइफल का इस्तेमाल पाकिस्तान फ्रंटियर कोर के सैनिक करते हैं।सेना के एक अधिकारी ने फ़िरोजपुर से अख़नूर और रजौरी से तंगधार तक पूरी नियंत्रण रेखा पर सक्रियता बढ़ा दी है और वे कहीं से ही हथियार भेजने की जुगत में लगे रहते हैं।
बता दें कि यह सब ऐसे समय हो रहा है जब चीन और पाकिस्तान के बीच सैनिक स्तर के पिछले दौर की बातचीत में इस पर सहमति बन गई थी कि दोनों ही देश ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे एलएसी पर तनाव बढ़े।
एलएसी पर अभी 40 हज़ार चीनी सैनिक मौजूद हैं, इसी अनुपात में भारतीय सैनिक भी इस पार तैनात हैं। चीन इस स्थिति में भारत पर दबाव डालने के लिए जम्मू-कश्मीर की स्थिति का इस्तेमाल कर रहा है। उसकी मंशा यह है कि व वह जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता इस तरह पैदा कर दे कि भारत लद्दाख पर अधिक ध्यान न दे सके। इसके अलावा भारत पर दबाव बढा कर बीजिंग बातचीत में अपनी स्थिति मजबूत बनाना चाहता है।
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