जम्मू-कश्मीर के पाँच राजनीतिक दलों के संगठन गुपकार अलायंस ने अपना रवैया कड़ा करते हुए सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 24 जून को हुई बैठक से उसे निराशा हुई है क्योंकि उसमें विश्वास बढ़ाने के लिए किसी कदम का एलान नहीं किया गया।
दिल्ली में इस सर्वदलीय बैठक के बाद गुपकार अलायंस की पहली बैठक श्रीनगर में सोमवार को हुई। इस बैठक के बाद गुपकार अलायंस के प्रवक्ता एम. वाई. तारीगामी ने कहा, 'पीपल्स अलायंस फ़ॉर गुपकार डेक्लेरशन के सभी सदस्यों ने दिल्ली बैठक के नतीजों पर निराशा जताई है।'
उन्होंने इसके आगे कहा,
यह निराशा मुख्य रूप से राजनीतिक बंदियों की रिहाई जैसे विश्वास पैदा करने वाले किसी कदम के एलान नहीं करने से हुई है। जम्मू-कश्मीर में 2019 में जो वातावरण तैयार किया गया, उसे ठीक करने की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया गया।
क्या कहना है गुपकार का?
तारीगामी ने कहा कि 'जम्मू-कश्मीर की जनता इस पूरे मामले की सबसे बड़ी हिस्सेदार है, उसे सबसे अधिक कष्ट हुआ है और उस तक पहुँचने, उसे शांत करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।'
तारीगामी ने सोमवार को साफ शब्दों में कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और चुनाव उसके बाद ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, सदन के पटल पर यह कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। इस आश्वासन को पूरा किया जाना चाहिए।
यह तो स्पष्ट हो गया है कि अलायंस का रवैया एक बार फिर कड़ा हो गया है। बीते दिनों राज्य के सभी राजनीतिक दलों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ोर देकर कहा था कि पहले राज्य का परिसीमन होना चाहिए और इसमें सभी राजनीतिक दलों को सहयोग देना चाहिए।
उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने पर कुछ नहीं कहा था।
यदि इस बैठक को एक शुरुआत मानी जाए तो यह कहा जा सकता है कि गुपकार अलायंस का रवैया कड़ा हो गया है और वह अपने पहले के स्टैंड से थोड़ा भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
परिसीमन
गुपकार अलायंस शुरू से ही कहता आया है कि राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद ही कुछ हो सकता है।
प्रधानमंत्री के साथ हुई 24 जून की बैठक के बाद गुपकार अलायंस की यह पहली बैठक थी। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फ़ारूक़ अब्दु्ल्ला, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती, पीडीपी प्रवक्ता एम. वाई. तारीगामी व दूसरे लोग मौजूद थे।
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब परिसीमन आयोग के सदस्य राज्य का दौरा कर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करने वाले हैं।
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