लेफ्टिनेंट गवर्नर (प्रशासन) ने जम्मू और कश्मीर के खस्ता हाल व्यापार क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए 1,350 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है। कश्मीर के व्यापारिक संगठनों ने इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है, लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह पैकेज उस भारी नुक़सान की तुलना में बहुत छोटा है जिसका सामना 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर को करना पड़ा है।
कश्मीर: व्यापारी बोले- पैकेज नाकाफ़ी, 45 हज़ार करोड़ का हुआ नुक़सान
- जम्मू-कश्मीर
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- 21 Sep, 2020

घाटी के व्यापार, औद्योगिक और पर्यटन संघों के दर्जनों संगठनों वाले मंच- कश्मीर चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, एक साल के लॉकडाउन के कारण कश्मीर को 45,000 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है और इस दौरान 4.5 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नौकरी खो दी।
कैसे ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था?
पिछले साल 2 अगस्त को, कश्मीर घाटी में पर्यटन का सीजन पूरे जोरों पर था। न केवल सभी पर्यटक स्थल यहां देशी और विदेशी पर्यटकों से भरे हुए थे, बल्कि लाखों अमरनाथ यात्री भी घाटी में मौजूद थे। अचानक गवर्नर प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी करते हुए पर्यटकों को 24 घंटे के भीतर घाटी को खाली करने का आदेश दिया। किसी को समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है।