रिटेल के धंधे में ज़ोरदार मुकाबले की तैयारी दिख रही है। फ्यूचर ग्रुप रिलायंस की झोली में जाने के बाद अब ख़बर आ रही है कि दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट टाटा समूह के सुपर शॉपिंग ऐप में 25 अरब डॉलर तक की हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर रही है।
बिज़नेस अखबार 'मिंट' ने दो अनाम सूत्रों के हवाले से ख़बर छापी है कि टाटा ग्रुप और वॉलमार्ट के बीच सुपर ऐप प्लेटफॉर्म बिजनेस में पैसा लगाने पर बात चल रही है। यह सुपर ऐप दिसंबर जनवरी तक लॉंच होने की उम्मीद है। इस एक ऐप पर टाटा ग्रुप के सभी कारोबारों से खरीदारी की जा सकेगी।
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सबसे बड़ा सौदा
अगर यह सौदा हुआ तो भारत के रिटेल बिजनेस में अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा। इससे पहले भी यह रिकॉर्ड वॉलमार्ट के ही नाम है। उसने फ्लिपकार्ट में दो तिहाई हिस्सा खरीदने के लिए 16 अरब डॉलर खर्च किए थे।सौदा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फ्यूचर ग्रुप को खरीदने के बाद अब रिलायंस ग्रुप भी रिटेल में बड़े धमाके की तैयारी में जुटा है। आज ही इकोनॉमिक टाइम्स में खबर आई है कि त्योहारी सीजन में जियो मार्ट एक बड़ी प्राइस वॉर छेड़ने की तैयारी में है। ख़बर के मुताबिक़, रिलायंस ग्रुप की यह कंपनी भारी डिस्काउंट देने की तैयारी कर रही है और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के अलावा अब वो कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और स्मार्टफोन के काम को भी बढ़ाएगी। ज्यादातर चीज़ें एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से सस्ती मिलें यह कोशिश रहेगी।
बड़ा मौका
ब़कोरोना संकट के बाद लोगों के पास पैसा भी कम है और खर्च करने की इच्छा भी। जाहिर है, रिटेल कारोबार में लगी कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती है ग्राहकों को वापस खींचना। ऑनलाइन शॉपिंग के लिए यह बड़ा मौका है क्योंकि ज्यादातर लोग बाज़ार जाने से डर रहे हैं। अगर ऐसे में उन्हें घर बैठे मनमाफिक चीज़ें मिल जाती हैं तो फिर वो बाहर कदम क्यों रखेंगे?वॉलमार्ट और टाटा दोनों के लिए ही यह फ़ायदे का सौदा हो सकता है। टाटा ग्रुप के सारे कारोबार साथ रखकर देखें तो उनके पास अपने खुद के प्रोडक्ट्स की इतनी बड़ी रेंज है जो जियो, एमेजॉन और फ्लिपकार्ट में किसी के पास नहीं है।
टाटा क्लिक, स्टार क्विक, टाटा स्काई और क्रोमा चार तो ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म ही हैं, जहां टाटा का सामान मिलता है। सुपर ऐप बिजनेस में यह सारे कारोबार एक साथ हो जाएंगे। इसके अलावा टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा ग्लोबल बेवरेजेस, टाइटन, क्रोमा, वेस्टसाइड और लैंडमार्क वो कंपनियां हैं, जो अलग- अलग तरह के सामान सीधे उपभोक्ताओं को बेचती भी हैं और तमाम दूसरे रिटेलरों को सप्लाई भी करती हैं।
वॉलमार्ट लंबे समय से भारत के बाज़ार में पैर जमाने की कोशिश में है। टाटा ग्रुप के साथ सौदा करते ही उसे इस काम के लिए एक भरोसेमंद और वजनदार पार्टनर मिल जाएगा। देखने की बात यह है कि अब रिटेल के बिजनेस में टाटा और अंबानी घराने की जंग आम खरीदार पर ऑफर्स की बरसात करेगी या छोटे कारोबारियों के लिए मुसीबत बनने के बाद खरीदार का भी तेल निकालने का इंतजाम।
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