उत्पादन ठप
जगह- जगह लगे चेक प्वाइंट, कर्फ्यू और बंद की वजह से उत्पादन केंद्र ठप हो गए हैं। उत्पादन रुक गया है और जहाँ धीमी गति से चल रही है, वहाँ बहुत ही जल्दी सबकुछ रुक जाएगा।इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर में कहा है कि जिस समय 75 ज़िलों में लॉकडाउन किया गया था, प्रबंधन सलाहकार कंपनी मैकिंजे ने पाया था कि 10 प्रतिशत लोग प्रभावित होंगे और सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी का 75 प्रतिशत हिस्सा इससे प्रभावित होगा।
एनएसएसओ के आँकड़े
एनएसएसओ के रोज़गार व बेरोज़गारी सर्वे के मुताबिक 2011-12 में भारत के कुल 47.41 करोड़ कामगारों में से 39.14 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में हैं।राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की साल 2012 की रिपोर्ट के अनुसार, असंगठित क्षेत्र में 48 प्रतिशत से 56 प्रतिशत के बीच कामगार हैं। लॉकडाउन की वजह से इसका बड़ा हिस्सा प्रभावित है।
ऑटो उद्योग बंद
संगठित क्षेत्र में सबसे ज़्यादा असर ऑटो सेक्टर पर पड़ रहा है। मारुति सुजुकी ने दिल्ली के नज़दीक गुरुग्राम और मनेसर स्थित अपने कारखाने अस्थायी तौर पर बंद कर दिए हैं। दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने नागपुर, चकन और कांदीवली स्थिति संयंत्रों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है।इंडिया रेटिंग नामक कंपनी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मुंबई मेट्रोपोलिटन एरिया, दिल्ली, पुणे और बेंगलुरू के उत्पादन केंद्र बंद हो गए हैं या जल्द ही हो जाएंगे। यह हाल संगठित क्षेत्र का है, असंगठित क्षेत्र का अनुमान लगाया जा सकता है।
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