दुनिया भर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के खौफ के बीच आज भारतीय शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स आज 1879 अंक तक नीचे गिर गया था। हालाँकि यह बाद में कुछ उबरा और 1190 अंक गिरकर 55822 पर बंद हुआ। दोपहर 12:30 बजे तक तो सेंसेक्स में 1583 अंक की गिरावट आ गई थी और यह 55427 पर पहुँच गया था। निफ़्टी में भी क़रीब 2 फ़ीसदी की गिरावट आई और यह 372 अंक गिरकर क़रीब 16614 पर पहुँच गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, दो दिनों में निवेशकों को क़रीब 11 लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।
रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले गिरा है। सोमवार को शुरुआती सौदों में अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले रुपया 9 पैसे गिरकर 76.15 पर पहुँच गया था।
समझा जाता है कि इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण है। दुनिया भर में ओमिक्रॉन मामलों में वृद्धि के कारण आर्थिक सुधार के पटरी से उतरने का ख़तरा है। इसी ने बाज़ार की धारणा को प्रभावित किया।
अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी एंथनी फाउची ने कुछ घंटे पहले ही कहा है कि दुनिया भर में अभी तो ओमिक्रॉन वैरिएंट बढ़ना शुरू ही हुआ है।
ब्रिटेन में ओमिक्रॉन वैरिएंट के 25 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहाँ दूसरे वैरिएंट के पॉजिटिव केस भी आ रहे हैं। अब तो इंग्लैंड में संक्रमण इतना ज़्यादा फैला है कि वहाँ हर रोज़ संक्रमण के मामले रिकॉर्ड स्तर पर आ रहे हैं।
ब्रिटेन में हर रोज़ कोरोना के 90 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस आने लगे हैं। दूसरे यूरोपीय देश और अमेरिका में भी संक्रमण के मामले काफ़ी ज़्यादा आने लगे हैं।
ओमिक्रॉन की चिंताओं के बीच ही वैश्विक बाज़ार में गिरावट देखी गई। दुनिया भर के बाज़ारों के साथ ही एशियाई बाज़ार भी नीचे की ओर रहे। इस सबका भारत के सेंसेंक्स और निफ्टी पर भी असर पड़ा। आर्थिक मामलों के जानकार गिरावट की एक और वजह बताते हैं। उनका मानना है कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं और अपनी नीतियों को कड़ा कर दिया है। कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया है।
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