अडानी समूह के शेयर हफ़्ते भर से धड़ाम गिरने से क्या बैंकिंग क्षेत्र आहत होगा, और इस पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर आरबीआई यानी भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुक्रवार को बयान जारी किया है। इसने अडानी समूह की कंपनियों में कर्जदाताओं के जोखिम को लेकर चिंताओं को खारिज कर दिया और कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है। यानी मोटे तौर पर कहें तो आरबीआई ने कह दिया है कि बैंकिंग क्षेत्र में सबकुछ ठीक है।
आरबीआई ने कहा है कि वह वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र और अलग-अलग बैंकों पर लगातार नज़र रखता है। इसने कहा, 'ऐसी मीडिया रिपोर्टें आई हैं जिनमें एक व्यापारिक समूह के लिए भारतीय बैंकों के जोखिम के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की दृष्टि से बैंकिंग क्षेत्र और व्यक्तिगत बैंकों पर निरंतर निगरानी रखता है।'
RBI statement on the health of Indian Banking sectorhttps://t.co/LnCLD63QBj
— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 3, 2023
आरबीआई की सफ़ाई इसलिए आई है क्योंकि शेयर बाज़ार में अडानी समूह की हालत ख़राब होने पर बैंकों पर असर पड़ने की आशंका जताई गई। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडानी कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें धड़ाम गिरी हैं और इससे समूह का मूल्य क़रीब आधा ही रह गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक क़रीब 120 बिलियन यानी 1.2 ख़रब डॉलर का नुक़सान हुआ है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हालाँकि अडानी समूह ने उन आरोपों को खारिज कर दिया।
रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। अब भारतीय स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी एंटरप्राइजेज सहित अडानी समूह की कम से कम तीन कंपनियों को बीएसई और एनएसई की निगरानी में डाल दिया है।
अडानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और झटका लगने जा रहा है। S&P डाउ जोंस ने कहा है कि वह अडानी समूह की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज को 7 फरवरी से अपने इंडेक्स से हटा देगा। डाउ जोंस ने तमाम मीडिया विश्लेषण और हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद पहली बार यह घोषणा की है।
ऐसी स्थिति में ही अब आरबीआई का बयान आया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि आरबीआई के पास बड़े क्रेडिट पर सूचना का केंद्रीय भंडार डेटाबेस सिस्टम है जहां बैंक 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक के अपने जोखिम की रिपोर्ट करते हैं, जिसका उपयोग निगरानी के लिए किया जाता है।'
आरबीआई ने अपने मौजूदा आकलन के अनुसार आश्वासन दिया है कि बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति ठीक है। आरबीआई ने कहा कि वह सतर्क रहा और भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता की निगरानी करना जारी रखा।
यह तब आया जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडानी समूह की कंपनियों के मुक्त गिरावट वाले शेयरों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि देश का बाजार अच्छी तरह से विनियमित था।
अपनी राय बतायें