ऐसे समय जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत बुरी तरह गिरी है, भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में लगातार पाँचवी बार बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में 60 पैसे की वृद्धि कर दी गई है। ये कीमतें लगातार पाँचवे दिन बढ़ी हैं।
इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 74 रुपए, डीज़ल की 72.22 रुपए हो गई। इसी तह कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 75.94 रुपए और डीजल की कीमत 68.17 रुपए हो गई। चेन्नई में इन उत्पादों की कीमत 77.96 रुपए और 70.64 रुपए हो गई। सबसे अधिक कीमत मुंबई में हुई है वहाँ पेट्रोल की कीमत 80.98 रुपए और डीजल क 70.92 रुपए हो गई है।
कच्चे तेल की कीमत गिरी
इसके ठीक एक दिन पहले अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत 2 प्रतिशत गिर गई। न्यूयॉर्क में बिकने वाला ब्रेंट क्रूड ऑयल 40.81 डॉलर प्रति बैरल बिका। कीमत में इस गिरावट की वजह तेल की माँग कम होना और अमेरिका का बहुत बड़ा स्टॉक जमा कर लेना है। इसके पहले हवाई जहाज़ में भरे जाने वाले इंधन एविएशन टरबाइन फ़्यूल (एटीएफ़) और रसोई गैस की कीमतें भी बढ़ाई जा चुकी हैं।
बता दें कि
लॉकडाउन की वजह से भारत में कच्चे तेल की ख़पत 70 प्रतिशत कम हो गई है। इसकी वजह यह है कि परिवहन के सभी तरह के साधन और कई तरह की तेल-आधारित आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह ठप हो गई हैं।
ब्लूमबर्ग के आँकड़ों के मुताबिक़, भारत में कच्चे तेल की रोज़ाना खपत में 31 लाख बैरल की कमी आई है।
लॉकडाउन के पहले ही कच्चे तेल की खपत में कमी होनी शुरू हो गई थी क्योंकि
अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई थी। डीज़ल की मांग कम हो गई थी, जेट फ्यूल की मांग घट कर एक तिहाई हो गई थी और गैसोलीन की मांग में 17 प्रतिशत की कमी आ गई थी।
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