पेट्रोल और डीजल के दाम सोमवार को फिर से बढ़े हैं। आज पेट्रोल में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। पिछले सात दिनों में यह छठी बार बढ़ोतरी है। इस तरह पिछले एक सप्ताह में पेट्रोल के दाम में कुल वृद्धि 4 रुपये और डीजल में 4.10 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
पिछले एक हफ़्ते से तेल के दामों में लगातार बढ़ोतरी क़रीब साढ़े चार महीने बाद हो रही है। 3 नवंबर से लेकर 21 मार्च तक क़ीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी।
22 मार्च को दर संशोधन किया गया और क़ीमतों में वृद्धि की गई थी। तब से चार बार कीमतों में हर बार 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। फिर रविवार को पेट्रोल और डीजल में 50 और 55 पैसे की बढ़ोतरी की गई और अब 30 और 35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।
देश भर में दरों में वृद्धि की गई है और राज्यों में स्थानीय कर और तेल की ढुलाई के खर्च के आधार पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दाम हैं।
कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद पिछले साढ़े चार महीने तक दाम नहीं बढ़ाए गए थे और आरोप लगाया जाता है कि ऐसा चुनाव की वजह से हुआ था।
उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 4 नवंबर से कीमतें स्थिर थीं। 10 मार्च को मतगणना के तुरंत बाद दरों में संशोधन की उम्मीद थी, लेकिन इसे कुछ हफ़्ते के लिए टाल दिया गया। होली के कुछ दिन बाद यह बढ़ोतरी की जानी लगी।
कांग्रेस ने इस बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ शनिवार को ही देश भर में 31 मार्च से जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन का फ़ैसला किया है। कांग्रेस ने शनिवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए 'महँगाई मुक्त भारत अभियान' शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत वह 31 मार्च से 7 अप्रैल तक देश भर में रैलियाँ और मार्च आयोजित करेगी।
कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'भारत के लोगों को मोदी सरकार ने धोखा दिया, झांसा दिया और ठगा है। लोगों के वोट पाने के लिए पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर, पीएनजी और सीएनजी की कीमतों को 137 दिनों तक अपरिवर्तित रखने के बाद पिछला एक सप्ताह हर घर के बजट के लिए एक बुरा सपना रहा है।'
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