मौसम की मार से देश के 151 ज़िलों में खेती को, पेड़-पौधों को और यहाँ तक कि दुधारू पशुओं तक को काफ़ी नुक़सान पहुँच सकता है। मतलब यह कि देश के 20 प्रतिशत से ज़्यादा ज़िलों में फ़सलों में गिरावट आ सकती है। मौसम का प्रकोप अगर ऐसे ही जारी रहा तो देश में कृषि आय में 15 से 18 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। असिंचित इलाक़ों में तो यह गिरावट 20 से 25 प्रतिशत भी हो सकती है।
और यह बहुत ज़्यादा दूर की बात नहीं, बल्कि अगले कुछ वर्षों में ही मौसम का प्रकोप हमारी खेती पर भारी पड़ सकता है। यह गम्भीर चेतावनी भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट में सामने आई है।
फ़सलों को मौसम की मार से बचाने के लिए उठाने होंगे क़दम
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- 20 Nov, 2018
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट में कई गंभीर बिंदुओं को उठाया गया है। इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाला समय बेहद मुश्किलों भरा होगा।
