सिर्फ़ ब्रांड अम्बेसेडर हैं धोनी?
हालाँकि धोनी ने आम्रपाली विवाद के शुरू होते ही यह कह कर पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी कि वह तो सिर्फ़ ब्रांड अम्बेसेडर रहे हैं और कंपनी के कामकाज से उन्हें कभी कोई मतलब नहीं रहा है। पर जब पूरे मामले की जाँच शुरू हुई और ऑडिट रिपोर्ट अदालत के सामने पेश की गई तो यह साफ़ हो गया कि मामला उतना आसान भी नहीं है।साक्षी सिंह धोनी आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड यानी एएमडीपीएल की निदेशक हैं, जिसमें उनकी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 75 प्रतिशत हिस्सेदारी आम्रपाली समूह के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक यानी सीएमडी अनिल कुमार शर्मा के पास है।
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साक्षी धोनी का कनेक्शन!
रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज़ के मुताबिक़, एएमडीपीएल की स्थापना वित्तीय वर्ष 2011 में ही हो गई थी, पर उसने अगले तीन साल यानी वित्तीय वर्ष 2012, 2013 और 2014 तक कोई कामकाज नहीं किया, इसने कोई पैसा नहीं कमाया।“
फ़ोरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट से साफ़ है कि फ़ेमा यानी विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन के प्रथम दृष्टया साक्ष्य हैं, मनी लॉन्डरिंग की गई है। इसके मद्देनज़र हम प्रवर्तन निदेशालय और सम्बन्धित विभागों से कह रहे हैं कि वे इसकी जाँच करें और इसकी ज़िम्मेदारी तय करें, इसकी रिपोर्ट पेश करें। पुलिस अब तक की जाँच की रिपोर्ट भी पेश करे।
आम्रपाली समूह पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
फ़र्जी क़रार?
पर मामला इतना ही नहीं है। महेंंद्र सिंह धोनी से जुड़े मामले और भी हैं, अनियमितताओं के दूसरे आरोप भी हैं। धोनी के स्पॉनसरशिप और एनडोर्समेंट यानी विज्ञापन का कामकाज ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड देखती है। इस कंपनी में धोनी की 15 फ़ीसदी हिस्सेदारी साल 2013 तक थी। लेकिन धोनी या उनकी पत्नी इसकी निदेशक नहीं रही हैं। आम्रपाली समूह की कंपनी आम्रपाली सफ़ायर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने एक सादे काग़ज़ पर एक क़रार कर ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट को 6.52 करोड़ रुपये दिए। लेकिन इसके लिए कंपनी की अनुमति नहीं ली गई थी। इस पर फ़ोरेंसिक ऑडिट करने वाली कंपनी ने गंभीर टिप्पणी की है।“
यह साफ़ है कि यह क़रार सिर्फ़ ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट को पैसे देने के लिए किया गया था, यह क़रार नकली था। हमें लगता है कि फ़्लैट ख़रीदने वालों के पैसे ग़लत और ग़ैरक़ानूनी तरीके से दूसरों में बाँटे गए, ये पैसे उनसे वसूले जाएँ, क्योंकि यह क़रार नियम के मुताबिक़ नहीं था।
ऋति स्पोर्ट्स पर ऑडिटर की टिप्पणी
पहले भी विवादों में रही हैं साक्षी
लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब साक्षी धोनी विवादों के घेरे में आई हैं और उन पर आरोप लगे हैं। स्पॉट फिक्सिंग मामले के अभियुक्त विन्दु दारा सिंह से साक्षी की मिलीभगत थी, यह आरोप लगा था। दोनों की तसवीरें सार्वजनिक हुई थीं। विन्दु दारा सिंह और चेन्नई सुपर किंग्स के गुरुनाथ मयप्पन को स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ़्तार किया गया था। चेन्नई सुपर किंग्स को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। धोनी उसके कैप्टन थे। साक्षी धोनी पर यह आरोप लगा था कि वह मैच की रणनीति की पूर्व जानकारी दारा सिंह को दिया करती थीं और दारा सिंह स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी में उसका इस्तेमाल करते थे। लेकिन साक्षी पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ था, उनसे कोई पूछताछ भी नहीं हुई थी।
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