नरेंद्र मोदी सरकार के पदभार संभालते ही अर्थव्यवस्था से जुड़ी बुरी ख़बरें आने लगी हैं। हालाँकि पहली मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर इतनी लापरवाह रही कि हर मामले में अर्थव्यवस्था पिछड़ती रही और उसका नतीजा भी उसी समय दिखने लगा। पर चुनाव सामने होने की वजह से सरकार उन आँकड़ों को लगातार छिपा रही थी। अब ये बातें सामने आने लगी हैं। ताज़ा मिसाल खाद्य पदार्थों के सूचकांक को लेकर है। खाद्य पदार्थों का थोक मूल्य सूचकांक पिछले तिमाही में बढ़ कर 7.37 प्रतिशत पर पहुँच गया, जिससे सरकार का चिंतित होना स्वाभाविक है। दिसंबर 2018 में यह -0.42 प्रतिशत पर था।