सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की समन्वय समिति से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कहा है कि वह किसानों के "सैनिक" बने रहेंगे। कहा जा रहा है कि उन्होंने यह कदम कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से पूरी तरह जुड़ने के लिए उठाया है। एसकेएम ने यहां गुरुद्वारा रकाबगंज में एक संवाददाता सम्मेलन में योगेंद्र यादव के इस्तीफे को सार्वजनिक किया। एसकेएम में लगभग 40 किसान संघ हैं, जिसने पिछले साल किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था।
समझा जाता है कि कांग्रेस की 7 सितंबर से शुरू होने वाली भारत जोड़ो यात्रा को बतौर सिविल सोसाइटी सदस्य के रूप में समर्थन देने की वजह से योगेंद्र यादव एसकेएम की जिम्मेदारी से हटे हैं। क्योंकि एसकेएम में कांग्रेस के विपरीत लोग भी हैं। उन्हें योगेंद्र यादव के कांग्रेसी आंदोलन से जुड़ने पर ऐतराज हो सकता था। इसलिए योगेंद्र ने वहां से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने संकेतों में इसका जिक्र भी किया है। योगेंद्र ने अपने पत्र में अप्रत्यक्ष ढंग से कहा है कि देश में जमीनी स्तर पर चल रहे सरकार विरोधी आंदोलनों को भी उनकी जरूरत है।
पत्र में, यादव ने कहा कि वो अब एसकेएम की समन्वय समिति का सदस्य होने की जिम्मेदारी नहीं उठा पाऊंगा। लेकिन सभी आंदोलनों और विपक्षी राजनीतिक दलों की ऊर्जा किसान विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए खर्च होगी। इसलिए, इसके लिए मैं किसान आंदोलन के अलावा अन्य जमीनी आंदोलनों के संपर्क में हूं।
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मैं किसान आंदोलन के साथ-साथ अन्य आंदोलनों के संपर्क में भी हूं। अपनी पार्टी स्वराज इंडिया के साथ-साथ अन्य आंदोलनों अन्य राजनीतिक दलों के साथ समन्वय की कोशिश में भी लगा हूं। मेरी उम्मीद है कि मेरी इन कोशिशों से किसान आंदोलन के हाथ भी मजबूत होंगे।
-योगेंद्र यादव, रविवार 4 सितंबर को एसकेएम को लिखे पत्र में
यादव ने एसकेएम को लिखे अपने पत्र में कहा, मेरी इस प्राथमिकता को देखते हुए एसकेएम समन्वय समिति की जिम्मेदारी के साथ न्याय करना मेरे लिए संभव नहीं होगा।
उन्होंने किसान संगठन से अपील की कि उन्हें उनकी जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि "जय किसान आंदोलन" के सदस्य होने के नाते, वह हमेशा एसकेएम के "सैनिक" रहेंगे। उन्होंने कहा कि जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष अविक साहा उनके स्थान पर इन जिम्मेदारियों को निभाने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
लखीमपुर हिंसा के दौरान मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के शोक संतप्त परिवारों से मिलने के बाद एसकेएम ने पिछले साल अक्टूबर में यादव को किसान संगठन से एक महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसकेएम के किसान नेताओं दर्शन पाल, राकेश टिकैत, हन्नान मुल्ला सहित अन्य ने भाग लिया। एसकेएम ने एक बयान में कहा कि एसकेएम ने 26 नवंबर को प्रत्येक राज्य में रैलियां आयोजित करने और उन राज्यों के राज्यपालों को मांगों के ज्ञापन सौंपने का भी फैसला किया है।
2021 में उसी दिन हुए लखीमापुर खीरी नरसंहार के विरोध में एसकेएम 3 अक्टूबर को काला दिवस मनाएगा।बयान में कहा गया, देश में हर जगह इसे काला दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए और केंद्र सरकार का पुतला जलाया जाना चाहिए।
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