आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एक तरफ तो कह रहे हैं कि हर मस्जिद में शिवलिंग क्या खोजना, जबकि दूसरी तरफ तमाम दक्षिणपंथी संगठन उनकी सलाह को अंगूठा दिखाते हुए मस्जिदों में पूजा करने का ऐलान कर रहे हैं। कर्नाटक के मांड्या जिले में श्रीरंगपटना की शाही जामा मस्जिद में कुछ हिन्दू संगठनों ने 4 जून को पूजा करने की घोषणा की है। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया है और वहां धारा 144 लागू कर दी गई है। पूजा स्थल अधिनियम 1991 किसी भी धार्मिक स्थल में बदलाव की अनुमति नहीं देता लेकिन उस कानून को ताक पर रख कर कुछ संगठन माहौल खराब करने पर आमादा हो गए हैं।
खबर है कि कुछ दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने 4 जून रविवार को जामिया मस्जिद में पूजा करने का आह्वान किया है। कर्नाटक सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मांड्या जिले के श्रीरंगपटना शहर में 3 जून की शाम से 5 जून की सुबह तक धारा 144 लगा दी है। हिन्दू सगंठनों का दावा है कि मस्जिद एक हनुमान मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
बहरहाल, श्रीरंगपटना तहसीलदार श्वेता रवींद्र ने प्रतिबंध आदेश लागू कर दिया।
बेंगलुरु से 120 किमी दूर श्रीरंगपटना में जामिया मस्जिद, टीपू सुल्तान के शासन के दौरान 1782 के आसपास बनी थी। यह बिल्डिंग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित एक विरासत स्थल है।
इसी तरह का दावा हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने मंगलुरु शहर में असैयद अदबुल्लाहिल मदनी मस्जिद के संबंध में किया था। यह मुद्दा अब भी चल रहा है।
श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने 'श्रीरंगपटना चलो' के आह्वान को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा,"हम आपसे ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल के मुद्दे को उठाया जाएगा।
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