दुनिया भर के नेता भले ही शांति, सौहार्द और आपसी सहयोग का संदेश देते हों, लेकिन जान लेने व तबाही मचाने वाले हथियारों की होड़ में पीछे कोई नहीं रहना चाहता! तभी तो कोरोना महामारी और लॉकडाउन से कराह रही अर्थव्यवस्थाओं के बावजूद पूरी दुनिया में रक्षा पर खर्च बढ़ गया है। और इसमें भारत भी पीछे नहीं है।