बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों ने अब एक और बड़ा आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि बृजभूषण के ख़िलाफ़ गवाही से एक दिन पहले गुरुवार को पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा ली। इस बात को लेकर अवगत कराये जाने पर अदालत ने सुरक्षा देने के लिए पुलिस को कड़े निर्देश जारी किए। बृजभूषण के खिलाफ छह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न, मारपीट और पीछा करने के आरोप में 1,500 पन्नों की चार्जशीट में चार राज्यों के कम से कम 22 गवाहों के बयानों का उल्लेख किया गया है। इनमें पहलवान, एक रेफरी, एक कोच और एक फिजियोथेरेपिस्ट भी शामिल हैं। इन्होंने आरोपों की पुष्टि की है।
महिला पहलवानों की सुरक्षा को हटाए जाने को लेकर विनेश फोगाट ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, 'जिन महिला पहलवानों की बृजभूषण के ख़िलाफ़ कोर्ट में गवाहियाँ होने वाली हैं, दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा ली है।'
जिन महिला पहलवानों की बृजभूषण के ख़िलाफ़ कोर्ट में गवाहियाँ होने वाली हैं, दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा ली है @DelhiPolice @DCWDelhi @NCWIndia
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 22, 2024
तत्कालीन भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया और कहा कि उनमें से एक को ट्रायल कोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ गवाही देने से एक दिन पहले ही उनकी पुलिस सुरक्षा वापस ले ली गई। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत की राउज एवेन्यू अदालत ने डीसीपी, नई दिल्ली को पहलवान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम उपाय करने का निर्देश दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इसने डीसीपी को अगली सुनवाई की तारीख शुक्रवार को पहलवानों की सुरक्षा वापस लेने के कारणों के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अंतरिम उपाय के रूप में संबंधित डीसीपी को निर्देश दिया जाता है कि वह उसकी गवाही पूरी होने तक और इस अदालत के अगले आदेश तक उसकी सुरक्षा के लिए तत्काल और उचित व्यवस्था करें।
The assigned Delhi Police PSOs misunderstood this decision and got delayed in reporting today. The situation has been rectified. Security cover continues.
— DCP New Delhi (@DCPNewDelhi) August 22, 2024
बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किए जाने के एक साल से अधिक समय बाद जुलाई में मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस साल मई में अदालत ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप तय किए थे।
बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न को लेकर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कैसरगंज से बीजेपी सांसद रहे बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और महिला पहलवानों का पीछा करने का आरोप लगाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने पहले अदालत से कहा था कि आरोपी बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराया कि उन्होंने ऐसा एक पिता की तरह किया।
महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में ऐसी ही यौन उत्पीड़न की शिकायतें की गई हैं। एक पीड़ित पहलवान की शिकायत में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।
दूसरी महिला पहलवानों ने भी यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई घटनाओं में छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है।
आरोप लगाया गया है कि इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। उन्होंने कहा है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था।
एक समय पूरे देश को झकझोर देने वाले महिला पहलवानों के ऐसे आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा! सितंबर महीने में उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर चेता दिया था कि उनका टिकट काटने की हिम्मत किसी में नहीं है। उन्होंने कहा था, 'कौन काट रहा है, उसका नाम बताओ। काटोगे आप? ...काटोगे? ....काट पाओ तो काट लेना।' हालाँकि बाद में बृजभूषण को टिकट न देकर उनके बेटे को टिकट दिया गया। बृजभूषण सिंह ने खुद को निर्दोष बताया था। उन्होंने अदालत के समक्ष कहा था, 'कोई सवाल ही नहीं है। गलती की ही नहीं तो मानेंगे क्यों?'
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