क्या क़ानून सबके लिए एक जैसा है? कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस ने जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद के ख़िलाफ़ 2019 में दर्ज देशद्रोह का मुक़दमा वापस ले लिया। लेकिन उसी जेएनयू से निकले उमर खालिद पिछले चार साल से जेल में बंद हैं। यह अंतर क्यों? इस सवाल ने लोगों के बीच बहस छेड़ दी है।
शेहला रशीद जैसों का मुक़दमा बंद तो उमर ख़ालिद जैसे जेल में क्यों?
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- 29 Mar, 2025
शेहला रशीद, हार्दिक पटेल जैसे लोगों के मुक़दमे को वापस ले लिया गया है, लेकिन उमर ख़ालिद अभी भी जेल में क्यों हैं? जानिए, ऐसे मामलों को लेकर अलग-अलग रवैया क्यों।

शेहला रशीद की कहानी 2019 से शुरू होती है। उस साल कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद शेहला ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में सेना पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ। लेकिन 2025 में दिल्ली कोर्ट ने पुलिस को यह केस वापस लेने की इजाजत दे दी। लोग पूछ रहे हैं कि क्या यह उनकी हालिया राजनीतिक नज़दीकियों का नतीजा है? शेहला अब सक्रिय राजनीति से दूर हैं और कई बार सत्तारूढ़ दल की तारीफ़ करती दिखी हैं।