केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया। लेकिन इंडिया गठबंधन की पार्टियों और अपने सहयोगी दलों के रुख को देखते हुए मोदी सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक को संसदीय समिति को भेजना पड़ा। विपक्ष ने विधेयक को 'विभाजनकारी', 'मुस्लिम विरोधी' और 'असंवैधानिक' करार दिया। समझा जाता है कि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के रुख को देखते हुए मोदी सरकार को झुकना पड़ा। हालांकि बिहार की जेडीयू ने इस बिल पर सरकार का समर्थन किया था। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भी इस बिल को 'अस्वीकार्य' करार दिया था, वहीं कांग्रेस, सपा, आरजेडी ने कहा था कि वह वक्फ अधिनियम में किसी भी बदलाव का विरोध करेंगे। विधेयक पारित होने पर, सरकार को वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने में एक बड़ा अधिकार मिल जाता।