राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर मिमिक्री का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। धनखड़ ने बुधवार को कहा है कि उन्हें अपमानित होने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनके पद, उनके समुदाय पर हमला नहीं किया जाना चाहिए। उनकी इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर कुछ यूजरों ने पूछा है कि मिमिक्री कब से अपराध हो गया और क्या यह पहली बार हो रहा है। मिमिक्री से जगदीप धनखड़ के पद और उनके समुदाय के अपमान के दावों पर यूज़रों ने तंज कर पूछा है कि सांसद पंडित मनीष तिवारी को निलंबित कर ब्राह्मण समाज का अपमान क्यों किया गया?